असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘श्री राम लला' के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एक ‘निर्णायक मोड़' तथा ‘राष्ट्रीय चेतना का पुनर्जागरण' बताया. अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की ‘प्राण प्रतिष्ठा' के मौके पर असम के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.
शर्मा ने यहां हरिजन कॉलोनी में प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखा . विभिन्न स्थानों पर विशेष प्रार्थना आयोजित की गयी तथा लोगों ने पटाखे छोड़े . अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण किया गया.
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ अपने भव्य मंदिर में दशरथनंदन राम की वापसी हमारी सभ्यता में एक निर्णायक मोड़ तथा राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक है.''
भव्य दिव्य अतुल्य
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 22, 2024
January 22-12:29 PM: The exact moment when aspirations of a billion plus people sprang to life.
An entire civilisation has been rekindled with the Pran Pratishtha of Prabhu Shri Ram Lala.
📍Harijan Colony, Guwahati pic.twitter.com/BFZ4eypino
उन्होंने कहा कि आज आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रम ‘एक हजार से अधिक भावी पीढ़ियों को सनातन धर्म का पूर्ण वैभव बनाये रखने की प्रेरणा देंगे.''
मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक अहम धार्मिक एवं सांस्कृतिक जुड़ाव को पुनर्स्थापित करने में राष्ट्र की अगुवाई कर रहे हैं तथा इतिहास के इस ‘स्वर्णिम युग' में मुझे अस्तित्व प्रदान करने के लिए मैं प्रभु श्रीराम का सदैव आभारी हूं.''
राज्य सरकार ने राज्य में इस मौके पर आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की थी . सोमवार को सरकारी कार्यालय एवं संस्थान दो बजे तक बंद रहे.
सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय आज पूरे दिन बंद हैं जबकि निजी शिक्षण संस्थानों से भी छुट्टी घोषित करने की अपील की गयी थी.
शर्मा ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में सभी धर्मों के लोगों से सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विशेष प्रार्थना करने की अपील की थी.
उन्होंने कहा कि सोमवार को शुष्क दिवस की भी घोषणा की गयी है तथा मासांहार की ब्रिकी करने वाली दुकानें अपराह्न चार बजे तक बंद रहेंगी. मुख्यमंत्री ने लोगों से शाम को अपने घरों, दुकानों और कारोबारी प्रतिष्ठानों में दीये जलाने और सामुदायिक प्रार्थना घरों में जाने की अपील भी की.
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