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"हम हर एयरलाइन के लिए एक मिसाल कायम करेंगे": इंडिगो संकट पर संसद में उड्डयन मंत्री

इंडिगो प्रतिदिन 2,200 फ्लाइट्स संचालित करती है और पारंपरिक रूप से डाउनटाइम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करती रही है. नए नियमों के लागू होते ही चालक दल की कमी हो गई.

"हम हर एयरलाइन के लिए एक मिसाल कायम करेंगे": इंडिगो संकट पर संसद में उड्डयन मंत्री
  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो की चालक दल की कमी पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है
  • नए यात्री सुरक्षा मानदंडों के कारण इंडिगो में पायलटों की कमी से सैकड़ों उड़ानें रद्द और यात्री परेशान हुए
  • सरकार ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और सभी एयरलाइनों को पायलट प्रबंधन के प्रति सतर्क किया है
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देश भर के हवाई अड्डों पर चालक दल की कमी से मची अफरा-तफरी के बाद इंडिगो के फुल स्केल ऑपरेशन बहाल करने के प्रयासों के बीच, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने एयरलाइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि अन्य एयरलाइनों के लिए यह "एक मिसाल" होगा. आज राज्यसभा में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि सैकड़ों उड़ानें रद्द होने और हज़ारों लोगों के फंसने की वजह बनी अफरा-तफरी नए यात्री सुरक्षा मानदंड लागू होने के बाद इंडिगो के "आंतरिक संकट" का नतीजा थी.

मंत्री का पूरा बयान

राममोहन नायडू ने सदन को बताया, "हम पायलटों, चालक दल और यात्रियों की परवाह करते हैं. हमने सभी एयरलाइनों को यह स्पष्ट कर दिया है. इंडिगो को चालक दल और रोस्टर का प्रबंधन करना था. यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हम स्थिति को हल्के में नहीं ले रहे हैं. हम सख्त कार्रवाई करेंगे. हम हर एयरलाइन के लिए एक मिसाल कायम करेंगे. अगर कोई लापरवाही बरती गई, तो हम कार्रवाई करेंगे." उन्होंने कहा कि सरकार ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है.

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार विमानन क्षेत्र में और अधिक कंपनियों को शामिल करना चाहती है और देश में पांच प्रमुख एयरलाइनों की क्षमता है. हालांकि, मंत्री के जवाब से विपक्ष खुश नहीं हुआ और सदन से बहिर्गमन कर गया.

क्यों हुआ इंडिगो संकट

इस अफरा-तफरी की वजह लगभग दो साल पहले सरकार द्वारा घोषित नए उड़ान सुरक्षा नियम थे. सरकार ने ये नियम विमान दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाए थे. पायलटों की थकान से निपटने के लिए डाउनटाइम बढ़ाकर, पायलटों की संख्या बढ़ाने पर केंद्रित थे. इन नियमों के कारण एयरलाइनों को और अधिक पायलटों की भर्ती करनी पड़ी. मगर इंडिगो ऐसा करने में नाकाम रही.  

इंडिगो प्रतिदिन 2,200 फ्लाइट्स संचालित करती है और पारंपरिक रूप से डाउनटाइम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करती रही है. नए नियमों के लागू होते ही चालक दल की कमी हो गई. इसके कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने नए मानदंडों में अस्थायी रूप से ढील दी. इंडिगो संकट पर विपक्ष ने भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र पर सवाल उठाया, जहां इंडिगो और एयर इंडिया के पास बाज़ार का बड़ा हिस्सा है. सरकार ने जवाब दिया है कि उसने हमेशा इस क्षेत्र में नए खिलाड़ियों के प्रवेश को प्रोत्साहित किया है.

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