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This Article is From Mar 22, 2024

एचआईवी की गलत जानकारी पर सेना से निकाले गए जवान को 50 लाख रुपया दे सेना : न्यायालय

अदालत ने 2001 में बर्खास्त किए गए हवलदार सत्यानंद सिंह (50) के प्रति “उदासीन रवैये” के लिए सेना को फटकार लगाई. सिंह को 30 अक्टूबर 1993 को बल में शामिल किया गया था और छह साल बाद उन्हें एचआईवी संक्रमित घोषित किया गया था, जब वह सिर्फ 27 साल के थे तब उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

एचआईवी की गलत जानकारी पर सेना से निकाले गए जवान को 50 लाख रुपया दे सेना : न्यायालय
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सेना को एक पूर्व कर्मी को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है जिसे डॉक्टरों द्वारा गलती से एड्स पीड़ित बताए जाने के बाद दो दशक से अधिक समय पहले सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. न्यायालय ने कहा कि लंबी कानूनी लड़ाई लड़ते हुए उसे (याचिकाकर्ता को) मानसिक आघात और सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ा.

अदालत ने 2001 में बर्खास्त किए गए हवलदार सत्यानंद सिंह (50) के प्रति “उदासीन रवैये” के लिए सेना को फटकार लगाई. सिंह को 30 अक्टूबर 1993 को बल में शामिल किया गया था और छह साल बाद उन्हें एचआईवी संक्रमित घोषित किया गया था, जब वह सिर्फ 27 साल के थे तब उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

मानसिक पीड़ा, बेरोजगारी, सामाजिक कलंक और आसन्न मौत के डर में रहते हुए सिंह ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय सहित सभी संभावित कानूनी मंचों पर अपना मामला लड़ा.

न्यायालय ने कहा कि सिंह के नियोक्ता उनकी दुर्दशा को दूर करने में विफल रहा. न्यायालय ने कहा कि उनके मामले पर विचार करने और इस तथ्य के मद्देनजर कि सेवा में उनकी बहाली अब कोई उपलब्ध विकल्प नहीं है, उन्हें हुए “मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और शारीरिक आघात” को ध्यान में रखते हुए, उन्हें आर्थिक मुआवजा देना उचित लगता है.

पीठ ने कहा, “...हम सेवाओं को गलत तरीके से समाप्त करने, अवकाश नकदीकरण बकाया, चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति न करने और सामाजिक कलंक का सामना करने के कारण मुआवजे के रूप में अपीलकर्ता को इस फैसले की तारीख से आठ सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये का एकमुश्त मुआवजा देना उचित समझते हैं.”

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने बुधवार को कहा कि सिंह अतिरिक्त रूप से उस पेंशन के हकदार होंगे जो उन्हें सेवा में जारी रहने पर मिलती.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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