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This Article is From Apr 05, 2023

"भारत-विरोधी एजेंडा, साम्प्रदायिक सोच..." : रामनवमी हिंसा पर बयान को लेकर OIC पर जमकर बरसा भारत

OIC लगातार भारत विरोधी बयान देता रहता है. हाल ही में भारत ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के ‘‘अवांछित संदर्भों'' को खारिज किया था.

"भारत-विरोधी एजेंडा, साम्प्रदायिक सोच..." : रामनवमी हिंसा पर बयान को लेकर OIC पर जमकर बरसा भारत
हाल ही में भारत ने जम्मू कश्मीर को लेकर OIC के ‘‘अवांछित संदर्भों’’ को खारिज किया था.
नई दिल्ली:

इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के रामनवमी हिंसा को लेकर दिए बयान की भारत ने आलोचना की है. भारत ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह उनकी सांप्रदायिक सोच दिखाता है और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने ओआईसी के बयान की निंदा की और कहा कि ऐसे बयान देकर ओआईसी अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है.

ओआईसी के सामान्य सचिवालय ने रामनवमी के जुलूसों के दौरान भारत के कई राज्यों में हुई हिंसा पर एक बयान जारी किया था और मुस्लिम समुदाय पर टारगेटेड हिंसा और बर्बरता पर गहरी चिंता व्यक्त की थी. ओआईसी ने रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया का उदाहरण करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी. इतना ही नहीं अपने बयान ओआईसी ने 31 मार्च को बिहारशरीफ में हुई घटना का भी जिक्र किया.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह रामनवमी के दौरान बंगाल, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा पर ओआईसी ने ये बयान दिया था.

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OIC लगातार भारत विरोधी बयान देता रहता है. हाल ही में भारत ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के ‘‘अवांछित संदर्भों'' को खारिज किया था. मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र के उच्च स्तरीय खंड में जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पूजानी ने ओआईसी प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बयान को सिरे से खारिज करते हुआ कहा था कि ‘‘ओआईसी के बयान के संबंध में, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के अनुचित संदर्भों को खारिज करते हैं.'' तथ्य यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है और रहेगा. पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है.''

पूजानी ने कहा था, ‘‘अपने सदस्य पाकिस्तान को आतंकवाद को छोड़ने और भारतीय क्षेत्र पर अपना कब्जा हटाने के लिए कहने के बजाय, ओआईसी ने पाकिस्तान को नई दिल्ली के खिलाफ ‘‘नापाक एजेंडा'' चलाने के वास्ते अपने मंच का इस्तेमाल दिया है.''

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि ओआईसी पहले ही सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और मुद्दों पर तथ्यात्मक रूप से गलत दृष्टिकोण अपनाकर अपनी विश्वसनीयता खो चुका है.

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