Amritsar train accident: नवजोत कौर सिद्धू (फाइल फोटो)
अमृतसर:
पंजाब के अमृतसर (Amritsar train accident) में दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान एक रेल हादसे ने खुशी के पल को मातम में बदल दिया. अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम रावन दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. दरअसल, अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार की शाम दशहरा (dussehra 2018) के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. हालांकि, इसके लिए लोग यह मान रहे हैं कि अगर आयोजन समय पर होता तो यह हादसा टल सकता था और इसके लिए पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत कौर सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
Amritsar train accident: अमृतसर ट्रेन हादसे की वो 7 वजहें, जिसने खुशी के पल को मातम में बदल दिया
दरअसल, अमृतसर ट्रेन हादसे से पहले रावण दहन के आयोजन में पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थीं. नवजोत कौर सिद्धू इस कार्यक्रम में समय पर नहीं पहुंच पाई थीं. यही वजह है कि ऐसा कहा जा रहा है कि रावण दहन कार्यक्रम में वे समय पर पहुंच जातीं तो यह हादसा टाला जा सकता था. कारण कि अगर वह समय पर पहुंचतीं तो समय से रावण दहन हो जाता, और संभव है कि लोग वहां से हट भी गये होते. दरअसल, पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू को 4.30 में पहुंचना था, मगर वब 6 बजे के बाद पहुंचीं थीं. करीब 6.15 बजे.
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गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू के ऊपर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वह हादसे के बाद घटनास्थल से चली गई थीं. मगर इस आरोप से उन्होंने इनकार किया है. रावण दहन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर ने कहा कि इस त्रासदीपूर्ण घटना को लेकर राजनीति की जाना शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि "मैंने घर लौटने के बाद ही मौतों के बारे में सुना. मैंने पुलिस आयुक्त को फोन किया और पूछा कि क्या मुझे वापस आना चाहिए? लेकिन उन्होंने कहा कि वहां बहुत अराजक माहौल है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे कम से कम उन लोगों को बचाना चाहिए जो घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.''
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घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक यह आयोजन प्रशासन से इजाजत के बिना किया गया. उन्होंने कहा कि जब दुर्घटना हो गई तो पंजब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर घटनास्थल से चली गईं. उन्होंने हम लोगों के प्रति बहुत बुरा रुख अपनाया. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने इस कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि जो लोग दशहरा को खुशी मनाने के लिए आए थे उन्हें भारी दुख का सामना करना पड़ा, अपने प्रियजनों को खोना पड़ा.
VIDEO: देखें पंजाब के अमृतसर में कैसे हुआ बड़ा रेल हादसा
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दरअसल, अमृतसर ट्रेन हादसे से पहले रावण दहन के आयोजन में पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थीं. नवजोत कौर सिद्धू इस कार्यक्रम में समय पर नहीं पहुंच पाई थीं. यही वजह है कि ऐसा कहा जा रहा है कि रावण दहन कार्यक्रम में वे समय पर पहुंच जातीं तो यह हादसा टाला जा सकता था. कारण कि अगर वह समय पर पहुंचतीं तो समय से रावण दहन हो जाता, और संभव है कि लोग वहां से हट भी गये होते. दरअसल, पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू को 4.30 में पहुंचना था, मगर वब 6 बजे के बाद पहुंचीं थीं. करीब 6.15 बजे.
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गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस की नेता नवजोत कौर सिद्धू के ऊपर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वह हादसे के बाद घटनास्थल से चली गई थीं. मगर इस आरोप से उन्होंने इनकार किया है. रावण दहन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर ने कहा कि इस त्रासदीपूर्ण घटना को लेकर राजनीति की जाना शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि "मैंने घर लौटने के बाद ही मौतों के बारे में सुना. मैंने पुलिस आयुक्त को फोन किया और पूछा कि क्या मुझे वापस आना चाहिए? लेकिन उन्होंने कहा कि वहां बहुत अराजक माहौल है. इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे कम से कम उन लोगों को बचाना चाहिए जो घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.''
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घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक यह आयोजन प्रशासन से इजाजत के बिना किया गया. उन्होंने कहा कि जब दुर्घटना हो गई तो पंजब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर घटनास्थल से चली गईं. उन्होंने हम लोगों के प्रति बहुत बुरा रुख अपनाया. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने इस कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि जो लोग दशहरा को खुशी मनाने के लिए आए थे उन्हें भारी दुख का सामना करना पड़ा, अपने प्रियजनों को खोना पड़ा.
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