भगोड़े अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने पुलिस को 36 दिनों तक चकमा देने के बाद आज यानी 23 मार्च की सुबह पंजाब के मोगा में आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया. मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे में अमृपाल ने एक सभा को संबोधित किया, इसके बाद मोगा पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. मोगा खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) का पैतृक गांव है. अमृतपाल सिंह खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है और अपने समर्थकों के बीच "भिंडरावाले 2.0" के रूप में जाना जाता है. अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल में लेकर जाया जा रहा है, जहां उसके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद हैं.
#AmritpalSingh arrested in Moga, Punjab.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) April 23, 2023
Further details will be shared by #PunjabPolice
Urge citizens to maintain peace and harmony, Don't share any fake news, always verify and share.
अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था, उसके गिरफ्तार होने पर पुलिस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने और अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद किसी भी फर्जी खबर को साझा करने से बचने की अपील की है. अमृतपाल सिंह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कट्टरपंथी उपदेशक और उनके समर्थकों द्वारा उनके एक सहयोगी की रिहाई के लिए अमृतसर के अजनाला थाने में तलवारें और बंदूकें लेकर एक पुलिस थाने में घुसने के बाद शुरू की गई थी. झड़प में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं को बपतिस्मा देने के लिए एक राज्यव्यापी जुलूस निकालने की योजना बना रहा था. कट्टरपंथी उपदेशक पाकिस्तान से अवैध रूप से मंगाए गए हथियारों को जमा करने के लिए नशामुक्ति केंद्रों का इस्तेमाल कर रहा था.
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