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This Article is From Mar 19, 2024

"जब शरद पवार को जरूरत थी, वो भाग गए...": भाई श्रीनिवास ने अजित पवार को सुनाई खरी खोटी

अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार ने बारामती के काटेवाड़ी गांव के निवासियों से बात करते हुए कहा कि एनसीपी संस्थापक हर सुख-दुख में अजित पवार (Sharad Pawar Ajit Pawar) के साथ खड़े रहे.लेकिन उनकी जरूरत के समय अजित भाग गए."

"जब शरद पवार को जरूरत थी, वो भाग गए...": भाई श्रीनिवास ने अजित पवार को सुनाई खरी खोटी
अजित पवार की भाई श्रीनिवास ने की आलोचना.(फाइल फोटो)
मुंबई:

अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत क्या की, परिवार की नाराजगी उनसे अब तक कम होने का नाम नहीं ले रही है. अजित पवार (NCP Leader Ajit Pawar) ने पिछले साल अपने चाचा शरद पवार से अलग होकर न सिर्फ उनसे एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह छीना बल्कि एनडीए का दामन भी थाम लिया था. फिलहाल वह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं. चाचा से बगावत करने का असर उनके परिवार में अब तक दिखाई दे रहा है. एनसीपी नेता अजित पवार का साथ अब उनके भाई ने भी छोड़ दिया है. 

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अजित पवार पर बरसे भाई श्रीनिवास

बारामती के एक मंदिर में अजित पवार के भाई श्रीनिवास ने उनके लिए खूब अपशब्द कहे और उनकी जमकर आलोचना भी की. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास ने कहा कि शरद पवार ने उनके परिवार के लिए बहुत कुछ किया है, ये बात अजित पवार को नहीं भूलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस उम्र के इस पड़ाव पर जब शरद पवार को अजित पवार की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उसी समय वह भाग गए. ये बात कहते हुए श्रीनिवास ने उनके लिए अपशब्द तक कह दिए. 

"शरद पवार सुख-दुख में अजित पवार के साथ खड़े रहे"

अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार ने बारामती के काटेवाड़ी गांव के निवासियों से बात करते हुए कहा कि एनसीपी संस्थापक हर सुख-दुख में अजित पवार के साथ खड़े रहे. श्रीनिवास पवार ने दावा किया कि शरद पवार ने अजित पवार के फैसलों का हमेशा समर्थन किया, उन्हें चार बार उप मुख्यमंत्री और 25 साल तक मंत्री बनाया, और ऐसे परोपकारी बुजुर्ग के बारे में बुरा बोलना किसी के लिए भी “अनुचित” है.

पिछले साल NDA में शामिल हुए अजित पवार

बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप एनसीपी में विभाजन हो गया. उनके नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी' चुनाव चिन्ह मिला, जबकि शरद पवार के संगठन को अब एनसीपी (शरदचंद्र पवार) कहा जाता है.
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