भारतीय वायुसेना को पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बुधवार को स्पेन में मिल जाएगा. पहला विमान एयरबस के सीईओ वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को सौपेंगे. पहले बैच के 16 सी -295 एयरक्राफ्ट सीधे स्पेन से फ्लाई वे आएंगे और बाकी के 40 एयरक्राफ्ट गुजरात के बड़ोदरा में बनेंगे. 21, 935 करोड़ रुपये की लागत से यह विमान वायुसेना को मिलेंगे.
सी-295 को लेकर एयरबस और टाटा में समझौता भी हुआ है. यह विमान पुराने पड़ चुके एवरो की जगह लेगा. यह करीब नौ टन तक पेलोड या 71 सैनिकों को लेकर जा सकता हैं. वायुसेना के जरूरत के मुताबिक यह छोटे रनवे पर भी लैंड या टेक ऑफ कर सकता है. इसके वायुसेना में शामिल होने से वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा. ऐसा पहली बार होगा कि कोई निजी क्षेत्र की कंपनी सेना के लिये विमान बनाएगी. संभावना है कि टाटा एयरबस जो विमान बनाएंगे वह बाद में विदेशों में निर्यात भी किया जाएगा.
480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने की क्षमता
करीब 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह 11 घंटे तक फ्लाई कर सकता हैं. इस विमान को टेक ऑफ और लैंडिंग के लिये बहुत छोटी जगह की जरूरत होगी. जिससे यह आसानी से दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में जरूरत का सामान पहुंचा सकता हैं. इसे टेक ऑफ के लिये 670 मीटर और लैंडिंग के लिये केवल 320 मीटर रनवे की जरूरत होगी.
C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से रक्षा उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
इस विमान का इस्तेमाल सैन्य के साथ साथ नागरिक और मानवीय मिशन के लिए भी किया जा सकता हैं. रक्षा मंत्रालय के अनुसार इससे देश में रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और सैकड़ो नौकरियां पैदा होंगी.
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