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This Article is From Feb 21, 2016

एक मिस कॉल का जाल : एक करोड़ की फिरौती देकर छूटा व्यवसायी

एक मिस कॉल का जाल : एक करोड़ की फिरौती देकर छूटा व्यवसायी
आरोपी ममता मसीन (फाइल फोटो)
देहरादून: एक मिस कॉल के फेर में पड़े मेरठ के एक व्यापारी को ये मिस कॉल एक करोड़ रुपये की पड़ गई। दरअसल ये मिस कॉल मासूम सी दिखने वाली एक खूबसूरत लड़की ने की थी, जिसके बाद शुरू हुआ बातचीत व मुलाकातों का सिलसिला देहरादून के एक फार्म हाऊस पर पहुंचकर खत्म हुआ।

मासूम सी दिखने वाली वो लड़की अपने गैंग के साथ व्यापारी के अपहरण और फिर फिरौती वसूलने की ऐसी पटकथा लिख चुकी थी, जिसका तोड़ किसी के पास नहीं था। इस युवती ने हाल ही में मेरठ में अस्पताल चलाने वाले एक व्यवसायी मनोज गुप्ता को मिस कॉल कर ऐसा फंसाया कि सोने व हीरे के जौहरी मनोज कुछ समझ नहीं पाया।

ममता मसीन नाम की इस युवती की खूबसूरती मनोज को देहरादून में अपने फार्म हाऊस पर खींच लाई, जहां ममता ने अपनी गैंग के साथियों के साथ मिलकर मनोज का अपहरण कर लिया। ममता ने न केवल फिरौती के रूप में 20 लाख रुपये और तीन किलो सोना वसूला, बल्कि बड़े-बड़े दावे कर रही पुलिस की घेराबंदी को तोड़कर फरार भी हो गई।

एसएसपी देहरादून, डॉ. सदानंद दाते के मुताबिक पूरी जांच में सामने आया है कि प्रोपर्टी व्यवसायी महिला मित्र के साथ देहरादून आया और उसके साथ 2-3 लोग भी पहुंचे थे। उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने अपहरणकर्ताओं को सिम कार्ड दिए थे।

ममता व मनोज इनोवा कार से देहरादून के डूंगा में मौजूद मनोज के फार्म हाऊस पर 18 तारीख की रात को आए थे। ममता और मनोज का पीछा करते-करते ममता के गैंग के साथी भी फार्म हाऊस तक आ गए। यहां पर रात को ममता ने मनोज को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर असका अपहरण कर लिया। जाते-जाते ये लोग मनोज की इनोवा कार भी ले गए। मनोज के अपहरण का पता तब लगा, जब फार्म हाऊस का चौकीदार सुबह वहां पहुंचा।

चौकीदार के फार्म हाऊस में पहुंचने पर वहां कोई नहीं था। कुछ था तो जगह-जगह पड़े खून के निशान, जिन्हें देखने के बाद चौकीदार ने पहले मनोज के परिजनों और फिर पुलिस को सारे मामले की जानकारी दी। एसएसपी देहरादून, डॉ. दाते का मानना है कि अपहरणकर्ताओं के छूटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अभी तो मनोज ट्रॉमा में है, जब वो ठीक हो जाएगा तो उससे पूछताछ की जाएगी, जिससे और भी तथ्य साफ हो सकते हैं।

हालांकि अपहरण के दौरान इस्तेमाल किए गए फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन न तो ममता का कोई सुराग पुलिस के पास है और न ही अपहरण में शामिल रहे दूसरे लोगों की कोई खोज खबर। बावजूद इसके पुलिस बड़े-बड़े दावे करने की अपनी परिपाटी पर कायम है। गनीमत बस इतनी है कि मनोज 1 करोड़ रुपये की भेंट चढ़ाकर अपने परिजनों के पास सकुशल पहुंच गया है।

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