पटना/नई दिल्ली: बिहार में भाजपा की करारी हार के बाद पार्टी में विरोध के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे। भोला सिंह और करिया मुंडा के बाद इस सूची में नया नाम एक और सांसद और पूर्व गृह सचिव आरके सिंह का जुड़ा है। सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले लोगों को टिकट दिए जाने के कारण उन्हें धक्का लगा है।
एनडीटीवी से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा, 'हम पार्टी विद डिफरेंस के तौर पर जाने जाते थे। हमें लगा कि हम साफ-सुथरी सरकार देंगे और इसके बाद आपने अपराधियों को टिकट दे दिए। यह बेहद दुखदायी और बेहद बुरा है।'दिल्ली स्थित एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के विश्लेषण के अनुसार, बिहार में भाजपा के 157 उम्मीदवारों में से 95 के खिलाफ आपराधिक केस थे। इनमें से 60 फीसदी के खिलाफ हत्या, अपहरण जैसे गंभीर किस्म के मामले थे।
टिकट वितरण से अवसरों को लगा झटका
सिंह ने कहा कि बिहार में टिकट वितरण के कारण भाजपा की छवि और इसके अवसरों को बड़ा झटका लगा। उन्होंने कहा, 'मुझे शर्म आती है कि पार्टी इस स्तर तक नीचे गिर गई है। जब आपने अपराधियों को टिकट दिए हैं तो देश से यह कहने की उम्मीद किस तरह रखेंगे कि आप साफ-सुथरी सरकार देना चाहते हैं।'
मेरी सलाह को अनदेखा किया गया
62 वर्षीय पूर्व नौकरशाह ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मध्य बिहार के आरा संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी को अपनी संसदीय सीट ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशियों को न उतारने की सलाह दी थी। मैंने अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया था लेकिन इन्हें अनदेखा किया गया।
उन्होंने कहा, 'ये साधारण किस्म के अपराधी नहीं हैं। किसी की गिरफ्तारी पर राज्य सरकार पहले इनाम घोषित कर चुकी है तो किसी कोई फिरौती के लिए अपहरण जैसे मामलों में शामिल रहा है। सिंह अपने जिले से भाजपा प्रत्याशी विश्वेश्वर ओझा का उल्लेख कर रहे थे, 16 केस होने के बावजूद जिन्हें टिकट दिया गया। ' उन्होंने कहा, 'बिहार चुनाव में निराशाजनक परिणाम के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। इस बात की समीक्षा कर यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या गलत रहा।
बुजुर्ग नेताओं के संयुक्त बयान का किया स्वागत
आरके सिंह ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और मुरलीमनोहर सहित वरिष्ठ नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान का वे स्वागत करते हैं। साझा बयान में इन नेताओं ने फैसलों के लिए शीर्ष नेतृत्व को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि मार्गदर्शक मंडल का काम सलाह देना है और उन्होंने यह दी है।'