नंदीग्राम : पश्चिम बंगाल चुनाव का नया 'कुरुक्षेत्र' और 'हिन्दू लैब', ममता vs शुभेंदु अधिकारी की संभावना

Assembly Election 2021: नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए काफी मायने रखता है. उन्होंने अक्सर यहीं से चुनाव अभियान की शुरुआत की है. 2000 के दशक में नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चले आंदोलन की वजह से ही ममता को साल 2011 में बंगाल की गद्दी मिली और राज्य से वाम मोर्चे की साढ़े तीन दशक पुरानी सरकार का सफाया हो सका.

नंदीग्राम : पश्चिम बंगाल चुनाव का नया 'कुरुक्षेत्र' और 'हिन्दू लैब', ममता vs शुभेंदु अधिकारी की संभावना

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने आज फिर कहा कि वो नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराएंगे.

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के नंदीग्राम विधान सभा सीट (Nandigram Assembly Constituency) पर चुनावी लड़ाई रोचक होने जा रही है. साल 2016 में शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर यहां से बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्हें 87 फीसदी वोट मिले थे. उन्होंने तब सीपीआई के अब्दुल कबीर को 81, 230 वोटों के अंतर से हराया था लेकिन अब वो तृणमूल छोड़कर बीजेपी के साथ जा चुके हैं. हालांकि, बीजेपी उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाएगी या नहीं? ये अभी साफ नहीं हुआ है लेकिन उन्होंने ऐलान किया है कि वो ममता बनर्जी को नंदीग्राम से 50,000 वोट से हराएंगे. 

उन्होंने गुरुवार (4 मार्च) को फिर कहा कि वो नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि ममता को सीधे टक्कर दूंगा. सीएम ममता बनर्जी ने भवानीपुर के साथ-साथ नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बीजेपी को उम्मीद है कि शुभेंदु अधिकारी न केवल नंदीग्राम में कमाल कर पाएंगे बल्कि मिदनापुर जिले की कई विधान सभा सीटों पर अपना प्रभाव डालेंगे.

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नंदीग्राम से जुड़ी है ममता की सियासी सफलता
नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए काफी मायने रखता है. उन्होंने अक्सर यहीं से चुनाव अभियान की शुरुआत की है. 2000 के दशक में नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चले आंदोलन की वजह से ही ममता को साल 2011 में बंगाल की गद्दी मिली और राज्य से वाम मोर्चे की साढ़े तीन दशक पुरानी सरकार का सफाया हो सका. उन्होंने खुद कई बार कहा है कि वो हमेशा विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत नंदीग्राम से करती आई हैं.

सीपीआई का गढ़ था नंदीग्राम
1967 से अब तक इस सीट पर 12 बार (उप चुनाव समेत) चुनाव हुए हैं. इनमें से पांच बार सीपीआई ने जीत दर्ज की जबकि तीन बार तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 2009 के बाद से लगातार तृणमूल कांग्रेस यहां से जीतती रही है. शुभेंदु अधिकारी से पहले 2011 में टीएमसी की फिरोज बीबी और 2009 के उप चुनाव में भी फिरोज बीबी जीत चुकी हैं.

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नंदीग्राम हिन्दुत्व की भी नई प्रयोगशाला
नंदीग्राम में कुल  करीब तीन लाख मतदाता हैं. इनमें से 96.65 फीसदी वोटर ग्रामीण हैं, जबकि 3.35 फीसदी वोटर शहरी हैं. इलाके में एससी-एसटी वोटर करीब 17 फीसदी हैं. दो लाख के आसपास .यहां हिन्दू मतदाता हैं, जबकि 70 हजार के करीब मुस्लिम मतदाता हैं.  बीजेपी यहां हिन्दू मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर रही है. यहां दूसरे चरण में 1 अप्रैल, 2021 को मतदान होंगे, जबकि 2 मई को नतीजे आएंगे.