
कश्मीर में हिंसा के चलते पर्यटकों की संख्या बेहद कम हुई
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में तनाव का असर अब वहां के पर्यटन पर पड़ना शुरू हो गया है। न सिर्फ़ लोग अपनी छुट्टी कैंसल कर वापिस आ रहे हैं बल्कि कई रद्द भी कर रहे हैं। एनडीटीवी इंडिया को मिली हुई जानकारी के मुताबिक़ सोमवार को घाटी में सिर्फ़ 1800 पर्यटक पहुंचे जबकि इस साल औसतन 12000 पर्यटक घाटी घूमने के लिए पहुंच रहे थे।
"ज़्यादातर फ़्लाइट्स अब ख़ाली आ रही हैं। हवाई अड्डे में जो भीड़ थी, वी वापिस जाने वाले लोगों की थी," एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी को बताया। विमान के किराए कुछ समय के लिए बहुत बढ़ गए थे लेकिन अब औसतन दिल्ली से आने जाने की टिकट 8000-10000 रुपए के बीच मिल रही है। ये किराया रविवार को 20000 रुपए तक हो गया था, वह भी केवल एक तरफ़ का।
"भीड़ को देखते हए हमने विचार किया था कि क्या कुछ चार्टर्ड फ़्लाइट्स शुरू की जाएं लेकिन राज्य सरकार से बातचीत करने के बाद फ़ैसला किया कि ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है," एक केंद्रिय स्तर के अफ़सर ने बताया। जहां तक बढ़े हुए किराए का सवाल था, केंद्र सरकार का तर्क है कि लोगों ने हड़बड़ी में एक से ज़्यादा फ़्लाइट्स में टिकट बुक करना शुरू कर दिया था। "जो लोग परिवार के साथ छुट्टी माना रहे थे वो जल्दबाज़ी में वापिस निकलना चाहते थे इसीलिए किराए बाद गए थे।," उन्होंने बताया।
साल के ये महीने घाटी के लिये बहुत अहम होते हैं क्योंकि वहां के ज़्यादातर लोग अपनी रोज़ी रोटी के लिए पर्यटन पर निर्भर रहते हैं। इस साल पहले कुछ महीने पर्यटकों की संख्या दोगनी हो चुकी थी। लेकिन अब घाटी में बदलते हालात के कारण लोगों की रोज़ी रोटी पर असर पड़ रहा है।
"ज़्यादातर फ़्लाइट्स अब ख़ाली आ रही हैं। हवाई अड्डे में जो भीड़ थी, वी वापिस जाने वाले लोगों की थी," एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी को बताया। विमान के किराए कुछ समय के लिए बहुत बढ़ गए थे लेकिन अब औसतन दिल्ली से आने जाने की टिकट 8000-10000 रुपए के बीच मिल रही है। ये किराया रविवार को 20000 रुपए तक हो गया था, वह भी केवल एक तरफ़ का।
"भीड़ को देखते हए हमने विचार किया था कि क्या कुछ चार्टर्ड फ़्लाइट्स शुरू की जाएं लेकिन राज्य सरकार से बातचीत करने के बाद फ़ैसला किया कि ऐसा करने की ज़रूरत नहीं है," एक केंद्रिय स्तर के अफ़सर ने बताया। जहां तक बढ़े हुए किराए का सवाल था, केंद्र सरकार का तर्क है कि लोगों ने हड़बड़ी में एक से ज़्यादा फ़्लाइट्स में टिकट बुक करना शुरू कर दिया था। "जो लोग परिवार के साथ छुट्टी माना रहे थे वो जल्दबाज़ी में वापिस निकलना चाहते थे इसीलिए किराए बाद गए थे।," उन्होंने बताया।
साल के ये महीने घाटी के लिये बहुत अहम होते हैं क्योंकि वहां के ज़्यादातर लोग अपनी रोज़ी रोटी के लिए पर्यटन पर निर्भर रहते हैं। इस साल पहले कुछ महीने पर्यटकों की संख्या दोगनी हो चुकी थी। लेकिन अब घाटी में बदलते हालात के कारण लोगों की रोज़ी रोटी पर असर पड़ रहा है।
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