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This Article is From Apr 06, 2022

ED निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, TMC नेता ने दायर की याचिका

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. दायर की गई याचिका में साकेत गोखले ने सरकार के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी है.

ED निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, TMC नेता ने दायर की याचिका
CBI, ED के निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने के अध्यादेश के खिलाफ पहले ही 3 याचिकाएं दाखिल हैं.
नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. दायर की गई याचिका में साकेत गोखले ने सरकार के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी है. याचिका में गोखले ने दावा किया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम की धारा 25 के तहत विस्तार अमान्य है. ये कॉमन कॉज बनाम भारत सरकार में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का घोर उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ED के निदेशक को कार्यकाल का कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि मिश्रा ने साल 2018, 2019 और 2020 के लिए अपने वार्षिक अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) को समय पर अपलोड नहीं किया था, जो अधिकारियों की 'सतर्कता मंजूरी' के कारकों में से एक है. 

याचिका में अदालत से "न्याय के हित में" भारत के संविधान के लिए असंवैधानिक, मनमाना और विपरीत और सरकार द्वारा संविधान से धोखाधड़ी बताते हुए विस्तार देने वाले नोटिफिकेशन पर तुरंत रोक लगाने का आग्रह किया गया है. याचिका में कहा गया है कि अध्यादेश जाहिर तौर पर ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के मामले में 8 सितंबर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करने के लिए लाया गया है. 

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर 2021 को प्रवर्तन निदेशालय ( ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था. लेकिन कहा था कि उन्हें और विस्तार नहीं दिया जा सकता.  हालांकि ​​अदालत ने कहा था कि दुर्लभ और असाधारण मामलों में विस्तार दिया जा सकता है. 

तीन याचिका हुई हैं दायर

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों के कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने के अध्यादेश के खिलाफ पहले ही तीन याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका वकील एम एल शर्मा ने दाखिल की है. याचिका में कहा है कि केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक, मनमाना और संविधान के साथ धोखाधड़ी है. सदन में बहुमत के बिना सरकार को कोई अध्यादेश जारी करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है.

CBI और ED निदेशकों के कार्यकाल को बढाने के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी एक याचिका दाखिल की है और अध्यादेशों को रद्द करने की मांग की गई है. इससे पहले TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी याचिका दाखिल की है.

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