तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर जमकर बरसे
पटना:
बिहार में उठे सियासी बवंडर के बीच उपमुख्यमंत्री से विपक्ष के नेता बने तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के विश्वास मत के बाद विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा. अपने नए तेवर और कलेवर में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जैसे मंझे हुए खिलाड़ी ने आरएसएस के सामने घुटने टेके. बिहार के लोग ठगा हुए महसूस कर रहे हैं. नीतीश कुमार के फैसले से जनता आहत है. विधायकों को सीएम आवास पर कैद रखा गया. यदि सदन में गुप्त मतदान होता तो नीतीश कुमार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाते. यह सब एक व्यक्ति विशेष की वजह से यह सब हुआ. नीतीश ने पहले से ही जाने का मन बना लिया था. अब हम लोग जनता के बीच जाकर पूरी बात बताएंगे.
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तेजस्वी ने कहा कि जो लोग बिहार की शांति और कल्याण चाहते थे और इसके लिए बिहार की महान जनता को जिस गठबंधन ने वोट दिया था, वो आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. आज मैंने सदन में जो सवाल पूछे उसका कोई जवाब माननीय मुख्यमंत्री के पास नहीं था और ना ही बीजेपी के पास था. नीतीश जी ने पहले ही बीजेपी के साथ मन बना लिया था. अगर ऐसा ही था तो वो साथ में सरकार क्यों बनाए.
यह भी पढ़ें: तेजस्वी यादव के 'जय श्रीराम' वाले बयान पर नीतीश कुमार का वार
उन्होंने कहा कि हम गवर्नर से मिले. उसके बाद नीतीश कुमार को जल्दबाजी में शाम 5 बजे के बदले सुबह 10 बजे शपथ दिलाया गया. यह धोखा था. नीतीश कुमार के दबाव के कारण विधायको को सीएम आवास में कैद कर रखा गया. नीतीश को राज्य की जनता माफ नहीं करेगी.
VIDEO- वाह रे राजनीति !
उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हम उनको आज वह कविता याद दिलाना चाहते हैं जोकि एक कविता के माध्यम से जो उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर सुनाई थी. आज उन सबके बावजूद उन्होंने उसी बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया:
बहती हवा सा था वो
गुजरात से आया था वो...
काला धन लाने वाला था वो..
कहां गया उसे ढूंढो..!!
हमको देश की फ़िक्र सताती..
वो बस विदेश के दौरे लगाता...
कहा गया उसे ढूंढो..!!
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तेजस्वी ने कहा कि जो लोग बिहार की शांति और कल्याण चाहते थे और इसके लिए बिहार की महान जनता को जिस गठबंधन ने वोट दिया था, वो आज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. आज मैंने सदन में जो सवाल पूछे उसका कोई जवाब माननीय मुख्यमंत्री के पास नहीं था और ना ही बीजेपी के पास था. नीतीश जी ने पहले ही बीजेपी के साथ मन बना लिया था. अगर ऐसा ही था तो वो साथ में सरकार क्यों बनाए.
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उन्होंने कहा कि हम गवर्नर से मिले. उसके बाद नीतीश कुमार को जल्दबाजी में शाम 5 बजे के बदले सुबह 10 बजे शपथ दिलाया गया. यह धोखा था. नीतीश कुमार के दबाव के कारण विधायको को सीएम आवास में कैद कर रखा गया. नीतीश को राज्य की जनता माफ नहीं करेगी.
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उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हम उनको आज वह कविता याद दिलाना चाहते हैं जोकि एक कविता के माध्यम से जो उन्होंने बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर सुनाई थी. आज उन सबके बावजूद उन्होंने उसी बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया:
बहती हवा सा था वो
गुजरात से आया था वो...
काला धन लाने वाला था वो..
कहां गया उसे ढूंढो..!!
हमको देश की फ़िक्र सताती..
वो बस विदेश के दौरे लगाता...
कहा गया उसे ढूंढो..!!
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