राजनीति में अपराधीकरण (Criminalization in Politics) को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. राजनीतिक दलों (Political Parties) को अपनी वेबसाइट के होमपेज पर उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी प्रकाशित करनी होगी और मुखपृष्ठ पर एक कैप्शन होगा, जिसमें लिखा होना चाहिए "आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार." सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (Election Commission) को एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन बनाने का निर्देश दिया है जिसमें उम्मीदवारों द्वारा उनके आपराधिक इतिहास के बारे में प्रकाशित जानकारी शामिल हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के बारे में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाए. यह सोशल मीडिया, वेबसाइटों, टीवी विज्ञापनों, प्राइम टाइम डिबेट, पैम्फलेट आदि सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर किया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग सेल बनाए जो यह निगरानी करे कि राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया है या नहीं. यदि कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग के पास इस तरह की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो चुनाव आयोग इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दलों ने कम प्रसार वाले अखबारों में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास की जानकारी छपवाई जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ज्यादा प्रसार वाले अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसका प्रसार करें.
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