शिवसेना ने किसानों के हितों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने पर शिरोमणि अकाली दल की रविवार को सराहना की. हालांकि पार्टी सांसद संजय राउत ने यह भी कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का राजग से अलग होने का फैसला दुखद घटनाक्रम है. शिअद ने शनिवार रात को राजग से अपने संबंध तोड़ने की घोषणा की. वह हाल के वर्षों में भाजपा की अगुवाई वाले राजग से अलग होने वाली तीसरी बड़ी पार्टी है. इससे पहले शिवसेना और तेदेपा भी राजग से अलग हो चुकी हैं.
गत वर्ष शिवसेना ने महाराष्ट्र में सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर भाजपा से टकराव के बाद राजग को अलविदा कह दिया था. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता रावत ने ट्वीट किया, " शिवसेना किसानों के हित में राजग से अपने रिश्ते तोड़ने के अकाली दल के फैसले की सराहना करती है."
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इससे पहले यहां पत्रकारों से मुखातिब होते हुए राउत ने कहा था कि शिवसेना और शिअद "राजग के स्तंभ" थे. राज्यसभा सदस्य ने कहा, " दोनों पार्टियां भाजपा के साथ अच्छे-बुरे समय में खड़ी रही जबकि अन्य दल सत्ता की वजह से इसमें शामिल हुए. शिवसेना को पिछले साल राजग छोड़ने पर मजबूर किया गया, जबकि इस साल शिरोमणि अकाली दल ने कृषि विधेयकों को लेकर राजग छोड़ दिया. हमें घटनाक्रम पर दुख होता है."
उन्होंने कहा शिवसेना और शिअद "राजग के स्तंभ" थे जो अब वहां नहीं हैं. राउत ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को राजग नहीं कहा जा सकता है. यह एक अलग गठबंधन है. भाजपा का लोकसभा में स्पष्ट बहुमत है.
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