स्विट्जरलैंड के दावोस (Davos) में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) का आयोजन किया जाता है. WEF की 50वीं बैठक का आज (24 जनवरी) आखिरी दिन है. दुनियाभर के करीब 3000 प्रतिनिधि इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. इस कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) कर रहे हैं. उनके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री मनसुख लाल मंडाविया (Mansukh L. Mandaviya), मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath), कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) समेत कुछ दिग्गज कारोबारी, फिल्मी हस्तियां और ईशा फाउंडेशन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru) भी इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं. सद्गुरु ने NDTV के साथ खास बातचीत में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर भारत में हो रहे विरोध पर कहा था, 'कोई भी उस जगह पर निवेश नहीं करेगा, जहां की सड़कों पर बसें जल रही हों.' अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने उन्हें जवाब दिया है.
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शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'हां सद्गुरु, और कोई भी उस जगह निवेश नहीं करना चाहेगा, जहां की सरकार धर्म के आधार पर लोगों को सामाजिक तौर पर बांटने का प्रचार करती हो. वहां भी नहीं, जहां यूपी पुलिस लोगों के साथ बर्बरता करती हो, उन्हें जेल में रखती हो और जान से भी मार डालती हो. सिर्फ बसें ही नहीं.'
Yes @SadhguruJV. And no one would want to invest in a place where Govt is promoting social division on the basis of religion. Nor in one where @Uppolice have indiscriminately assaulted, imprisoned & even killed people, not buses. https://t.co/KxIRupQUco
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 23, 2020
गौरतलब है कि सद्गुरु ने दावोस में NDTV के साथ बातचीत में कहा था, 'जब कुछ जगहों पर बसें जल रही हों तो उस जगह की छवि वैसी ही बन जाती है. हालांकि ये बहुत छोटी बात है लेकिन जब मैं कह रहा हूं कि छोटी बात, तो ये पूरे देश को लेकर नहीं है, ये सिर्फ कुछ जगहों पर हो रहा है. हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते. एक राष्ट्र के तौर पर ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी छवि को बिगड़ने न दें क्योंकि बगैर विदेशी निवेश के हम देश में वो हासिल नहीं कर सकते जो हम करना चाहते हैं. भारतीय होने के नाते ये हमारा फर्ज है कि हम दुनिया को दिखाएं कि हमारा देश निवेश के लिए सबसे सुरक्षित है.' उन्होंने यह बयान नागरिकता कानून को लेकर भारत में हो रहे विरोध के संदर्भ में दिया था.
गौरतलब है कि सद्गुरु का यह बयान उस समय आया है, जब भारत में नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का पुरजोर विरोध हो रहा है. साथ ही द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) द्वारा 2019 के लिए तैयार की गई लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 अंक लुढ़ककर 51वें स्थान पर आ गया है. दूसरी ओर IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ का कहना है कि भारतीय जीडीपी में गिरावट का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा, 'देश के जनादेश के साथ अधिक व्यापक रूप से निवेश को प्रोत्साहित करना जरूरी हो चला है. हमें भारत में घरेलू निवेश को फिर से दुरुस्त करने की जरूरत है, खपत खर्च कमजोर है. इसलिए मुझे लगता है कि भारत के माहौल को ज्यादा से ज्यादा निवेश के लिए तैयार करना होगा क्योंकि अगर निवेश बढ़ेगा तो यह भारत के संभावित विकास को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा.'
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