
- सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार PM और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए नया कानून बनाने जा रही है
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस बिल का समर्थन करते हुए इसे सामान्य नियम बताया है
- थरूर का बयान कांग्रेस की आधिकारिक नीति से अलग माना जा रहा है और पार्टी में असहजता बढ़ा रहा है
केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. जिनके तहत गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है. इन बिलों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऐसा बयान दिया है जिसने पार्टी को असहज कर दिया है. थरूर ने कहा कि अगर आप 30 दिन जेल में रहते हो तो क्या आप मंत्री बने रह सकते हो? मैं इसमें कोई गलत चीज नहीं देखता हूं. यह तो कॉमन सेंस की बात है.
अगर इसके पीछे कोई और सोच है तो उसे समझना पड़ेगा. उनका यह बयान कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग माना जा रहा है. पार्टी फिलहाल केंद्र सरकार के इस कदम पर सख्त रुख अपना रही है, लेकिन थरूर ने इसे तार्किक करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन तीनों बिलों पर संसद की समिति में चर्चा होना अच्छी बात है. उनके इस रुख ने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर असहजता बढ़ा दी है, क्योंकि पार्टी मानती है कि यह बिल विपक्षी नेताओं को टारगेट करने का हथियार बन सकता है.
क्या है इस बिल में?
गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 इसमें प्रावधान किया गया है कि केंद्र शासित प्रदेशों में गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार सीएम या मंत्री को हटाया जा सके. 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 यह संशोधन प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर भी लागू होगा अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में बदलाव का प्रस्ताव है. थरूर का बयान न केवल कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है बल्कि भाजपा को भी विपक्ष पर हमला करने का मौका दे रहा है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह विवाद आगे चलकर कांग्रेस की अंदरूनी बहस को और तेज करेगा.
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