Davos 2020
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हिन्दुस्तानी अरबपतियों को 35% ज़्यादा रईस बनाया लॉकडाउन ने, लाखों की गईं नौकरियां : Oxfam
- Monday January 25, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: तूलिका कुशवाहा
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च, 2020 के बाद से देश के 100 अरबपतियों ने जितनी संपत्ति बनाई है, उससे देश के 13.8 करोड़ लोगों को 94,045 रुपए का चेक दिया जा सकता है.
- ndtv.in
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सद्गुरु के बयान पर शशि थरूर का पलटवार, कहा- वहां भी कोई निवेश नहीं करेगा, जहां पुलिस लोगों की हत्या करती हो
- Friday January 24, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'हां सद्गुरु, और कोई भी उस जगह निवेश नहीं करना चाहेगा, जहां की सरकार धर्म के आधार पर लोगों को सामाजिक तौर पर बांटने का प्रचार करती हो. वहां भी नहीं, जहां यूपी पुलिस लोगों के साथ बर्बरता करती हो, उन्हें जेल में रखती हो और जान से भी मार डालती हो. सिर्फ बसें ही नहीं.'
- ndtv.in
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दावोस में बोले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप- भारत और चीन ने उठाया 'विकासशील देश' होने का पूरा फायदा
- Thursday January 23, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन जानता है कि मेरा उनसे (चीन) काफी समय से विवाद चल रहा है क्योंकि हमारे देश के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया गया. चीन को विकासशील राष्ट्र के रूप में देखा जाता है, भारत को विकासशील राष्ट्र के रूप में देखा जाता है लेकिन हमें विकासशील राष्ट्र के रूप में नहीं देखा जाता है.'
- ndtv.in
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दावोस में CAA पर बोले सद्गुरु जग्गी वासुदेव- कोई भी वहां निवेश नहीं करेगा, जहां सड़कों पर बसें जल रही हों
- Thursday January 23, 2020
- Reported by: विष्णु सोम, Edited by: राहुल सिंह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath), कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) समेत कुछ दिग्गज कारोबारी, फिल्मी हस्तियां और ईशा फाउंडेशन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru) भी इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं. सद्गुरु ने NDTV के साथ खास बातचीत में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर भारत में हो रहे विरोध पर कहा, 'कोई भी उस जगह पर निवेश नहीं करेगा, जहां की सड़कों पर बसें जल रही हों.'
- ndtv.in
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Davos 2020: क्या है दावोस, जानिए इसके बारे में 10 खास बातें
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: सुबोध आनंद गार्ग्य
स्विट्जरलैंड स्थित विश्व आर्थिक मंच जो कि एक गैर सरकारी संगठन है, दुनिया भर में कारोबार, राजनीति, अकादमिक के क्षेत्र में काम करता है. वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक लक्ष्यों को तय करने में विश्व आर्थकि मंच की बड़ी भूमिका रहती है. यह मंच हर साल जनवरी के अंत में दावोस (स्विट्जरलैंड) में सालाना मीटिंग का आयोजन करता है.इस मीटिंग में दुनिया भर से कारोबार, राजनीति, आर्थिक जगत के हजारों नेता हिस्सा लेते हैं और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं.
- ndtv.in
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दावोस: जहां होती है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की हाई-प्रोफइाल बैठक, वहां कर चुके हैं शाहरुख-काजोल रोमांस
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: रेणु चौहान
स्विट्ज़रलैंड की ठंडी वादियों में ही 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' से लेकर 'जब तक है जान' जैसी रोमांटिक फिल्मों का शूट हुआ.
- ndtv.in
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IMF की नजर अब नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ प्रदर्शनों पर भी, 7 बड़ी बातें
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की जीडीपी में अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की भागीदारी की बात करें तो ये काफ़ी अहम है. अगर भारतीय जीडीपी में गिरावट आती है तो इसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा. इसलिए हमनें ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को भी 0.1 फीसदी कम किया है. जिसका अधिकांश हिस्सा भारत के ग्रोथ रेट में कमी की वजह से है. उन्होंने कहा कि साल 2020 में भारत की विकास दर का अनुमान 4.8% कर दिया है. ये तीन महीने में 1.3% की कटौती है. यही नहीं, आइएमएफ़ ने अगले तीन साल के लिए भारत की विकास दर में कटौती कर दी है. ये भी कहा जा रहा है कि दुनिया भर में जो आर्थिक सुस्ती के आंकड़े हैं, उनमें सबसे बड़ा हिस्सा भारत का है. NDTV से खास बातचीत में उन्होंने एक अहम बात कही है. उन्होंने कहा कि कई देशों में सामाजिक उथल पुथल का असर भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में पड़ रहा है और भारत में चल रहे इस समय CAA और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन पर इसका कितना असर हो रहा है इस पर किए गए सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया.
- ndtv.in
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हिन्दुस्तानी अरबपतियों को 35% ज़्यादा रईस बनाया लॉकडाउन ने, लाखों की गईं नौकरियां : Oxfam
- Monday January 25, 2021
- Reported by: विष्णु सोम, Translated by: तूलिका कुशवाहा
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च, 2020 के बाद से देश के 100 अरबपतियों ने जितनी संपत्ति बनाई है, उससे देश के 13.8 करोड़ लोगों को 94,045 रुपए का चेक दिया जा सकता है.
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सद्गुरु के बयान पर शशि थरूर का पलटवार, कहा- वहां भी कोई निवेश नहीं करेगा, जहां पुलिस लोगों की हत्या करती हो
- Friday January 24, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
शशि थरूर ने ट्वीट किया, 'हां सद्गुरु, और कोई भी उस जगह निवेश नहीं करना चाहेगा, जहां की सरकार धर्म के आधार पर लोगों को सामाजिक तौर पर बांटने का प्रचार करती हो. वहां भी नहीं, जहां यूपी पुलिस लोगों के साथ बर्बरता करती हो, उन्हें जेल में रखती हो और जान से भी मार डालती हो. सिर्फ बसें ही नहीं.'
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दावोस में बोले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप- भारत और चीन ने उठाया 'विकासशील देश' होने का पूरा फायदा
- Thursday January 23, 2020
- Edited by: राहुल सिंह
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन जानता है कि मेरा उनसे (चीन) काफी समय से विवाद चल रहा है क्योंकि हमारे देश के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया गया. चीन को विकासशील राष्ट्र के रूप में देखा जाता है, भारत को विकासशील राष्ट्र के रूप में देखा जाता है लेकिन हमें विकासशील राष्ट्र के रूप में नहीं देखा जाता है.'
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दावोस में CAA पर बोले सद्गुरु जग्गी वासुदेव- कोई भी वहां निवेश नहीं करेगा, जहां सड़कों पर बसें जल रही हों
- Thursday January 23, 2020
- Reported by: विष्णु सोम, Edited by: राहुल सिंह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath), कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) समेत कुछ दिग्गज कारोबारी, फिल्मी हस्तियां और ईशा फाउंडेशन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru) भी इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं. सद्गुरु ने NDTV के साथ खास बातचीत में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर भारत में हो रहे विरोध पर कहा, 'कोई भी उस जगह पर निवेश नहीं करेगा, जहां की सड़कों पर बसें जल रही हों.'
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Davos 2020: क्या है दावोस, जानिए इसके बारे में 10 खास बातें
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: सुबोध आनंद गार्ग्य
स्विट्जरलैंड स्थित विश्व आर्थिक मंच जो कि एक गैर सरकारी संगठन है, दुनिया भर में कारोबार, राजनीति, अकादमिक के क्षेत्र में काम करता है. वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक लक्ष्यों को तय करने में विश्व आर्थकि मंच की बड़ी भूमिका रहती है. यह मंच हर साल जनवरी के अंत में दावोस (स्विट्जरलैंड) में सालाना मीटिंग का आयोजन करता है.इस मीटिंग में दुनिया भर से कारोबार, राजनीति, आर्थिक जगत के हजारों नेता हिस्सा लेते हैं और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं.
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दावोस: जहां होती है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की हाई-प्रोफइाल बैठक, वहां कर चुके हैं शाहरुख-काजोल रोमांस
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: रेणु चौहान
स्विट्ज़रलैंड की ठंडी वादियों में ही 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' से लेकर 'जब तक है जान' जैसी रोमांटिक फिल्मों का शूट हुआ.
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IMF की नजर अब नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ प्रदर्शनों पर भी, 7 बड़ी बातें
- Tuesday January 21, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की जीडीपी में अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की भागीदारी की बात करें तो ये काफ़ी अहम है. अगर भारतीय जीडीपी में गिरावट आती है तो इसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा. इसलिए हमनें ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को भी 0.1 फीसदी कम किया है. जिसका अधिकांश हिस्सा भारत के ग्रोथ रेट में कमी की वजह से है. उन्होंने कहा कि साल 2020 में भारत की विकास दर का अनुमान 4.8% कर दिया है. ये तीन महीने में 1.3% की कटौती है. यही नहीं, आइएमएफ़ ने अगले तीन साल के लिए भारत की विकास दर में कटौती कर दी है. ये भी कहा जा रहा है कि दुनिया भर में जो आर्थिक सुस्ती के आंकड़े हैं, उनमें सबसे बड़ा हिस्सा भारत का है. NDTV से खास बातचीत में उन्होंने एक अहम बात कही है. उन्होंने कहा कि कई देशों में सामाजिक उथल पुथल का असर भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में पड़ रहा है और भारत में चल रहे इस समय CAA और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन पर इसका कितना असर हो रहा है इस पर किए गए सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया.
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