प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
रेलवे स्टेशन पर लाल वर्दी के इन लोगों को देखते ही आप इनसे अपने भारी बैग और सामान ले जाने की बात कहते हैं, लेकिन इनका 'कुली' नाम अब गुजरे जमाने की बात हो गया है।
गुरुवार को रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कुली को अब 'सहायक' अथवा ' हेल्पर' का नाम दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार 'कुली' संबोधन मूल रूप से अकुशल श्रमिकों को दिया गया था और इस नाम से औपनिवेशिक काल की झलक मिलती थी। यही नहीं, मंत्रालय इनकी वर्दी में भी आमूलचूल बदलाव की योजना बना रहा है।
रेल मंत्रालय के अनुसार 'सहायकों' के कौशल को बेहतर बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 'सहायकों' को अब एयरपोर्ट की तरह ट्रॉली भी दी जाएगी। गौरतलब है कि 'कुली' कई किताबों और फिल्मों का विषय भी रहे हैं।
Railway Budget: No More 'Coolie', They Are Now 'Sahayaks'
गुरुवार को रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कुली को अब 'सहायक' अथवा ' हेल्पर' का नाम दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार 'कुली' संबोधन मूल रूप से अकुशल श्रमिकों को दिया गया था और इस नाम से औपनिवेशिक काल की झलक मिलती थी। यही नहीं, मंत्रालय इनकी वर्दी में भी आमूलचूल बदलाव की योजना बना रहा है।
रेल मंत्रालय के अनुसार 'सहायकों' के कौशल को बेहतर बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 'सहायकों' को अब एयरपोर्ट की तरह ट्रॉली भी दी जाएगी। गौरतलब है कि 'कुली' कई किताबों और फिल्मों का विषय भी रहे हैं।
Railway Budget: No More 'Coolie', They Are Now 'Sahayaks'
Amitabh Bachchan's 1983 movie 'Coolie' to be renamed "'Sahayak' #RailBudget2016
— Mohandas Menon (@mohanstatsman) February 25, 2016
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