हरियाणा में आरक्षण के लिए छेड़े गए जाटों के आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था।
चंडीगढ़:
जाट आरक्षण के मामले में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को झटका लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नवसृजित पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत जाटों तथा चार अन्य समुदायों को आरक्षण देने पर रोक लगा दी है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जाट आरक्षण के संबंध में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई तय की गई है।
सरकार की मंशा इन समुदायों के लिए शिक्षण संस्थानों तथा तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने की थी। विधानसभा में पारित बिल के मुताबिक आरक्षण में शामिल किए गए नए नियमों को मंजूरी देते हुए सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गौरतलब है कि आरक्षण को लेकर जाटों के आंदोलन के बाद हरियाणा कैबिनेट ने जाटों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण प्रदान करने के लिए मार्च में एक विधेयक को मंजूरी दी थी। विधेयक में पिछड़ा वर्ग श्रेणी में नया वर्गीकरण कर जाटों के अलावा चार अन्य जातियों जाट सिख, रोर, बिश्नोई और त्यागियों को आरक्षण देने की बात कही गई थी।Punjab and Haryana HC stays reservation for Jats and four other communities under a newly carved Backward Classes (C) category.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 26, 2016
सरकार की मंशा इन समुदायों के लिए शिक्षण संस्थानों तथा तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने की थी। विधानसभा में पारित बिल के मुताबिक आरक्षण में शामिल किए गए नए नियमों को मंजूरी देते हुए सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया था।
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