नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविघालय में फर्जी एडमिशन मामले में गिरफ्तार हुए सुनील पवार, मोहम्मद जुबेर, रंचित खुराना और प्रवीण झा से पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं। ये लोग बिहार और मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड की फर्जी वेबसाइट बनाकर चला रहे थे। वो 12वीं की फर्जी मार्कशीट भी बनाते थे और उसे अपलोड भी करते थे। बाद में इसी मार्कशीट के जरिए दिल्ली विश्विद्यालय में छात्रों को दाखिला भी दिलवाते थे। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के कई बड़े कॉलेजों को खत लिखकर मध्य प्रदेश और बिहार के उन छात्रों की लिस्ट मांगी है जिन्होंने इस साल दाखिला लिया है।
इन कॉलेजों से मांगी जानकारी
पुलिस ने उन सभी कॉलेजों को खत लिखा है जहां फर्जी एडमिशन हुए हैं। इनमें हिंदू कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, अरविंदो कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, रामलाल कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज और कमला नेहरू हैं।
25 से ज्यादा फर्जी एडमिशन
पुलिस के मुताबिक इस साल अभी तक फर्जी एडमीशन के 25 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और हर एडमिशन के लिए 5 से 10 लाख रुपये वसूले गए। पुलिस को इस मामले में हिमांशु और गिरोह के सरगना इंद्रजीत काकू की तलाश है। हिमांशु 2011 में भी फर्जी एडमिशन मामले में गिरफ्तार हो चुका है जबकि इंद्रजीत मालवीय नगर का छुटभैया नेता है। ये गिरोह पिछले 3 साल से सक्रिय था।
इन कॉलेजों से मांगी जानकारी
पुलिस ने उन सभी कॉलेजों को खत लिखा है जहां फर्जी एडमिशन हुए हैं। इनमें हिंदू कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, अरविंदो कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, रामलाल कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज और कमला नेहरू हैं।
25 से ज्यादा फर्जी एडमिशन
पुलिस के मुताबिक इस साल अभी तक फर्जी एडमीशन के 25 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और हर एडमिशन के लिए 5 से 10 लाख रुपये वसूले गए। पुलिस को इस मामले में हिमांशु और गिरोह के सरगना इंद्रजीत काकू की तलाश है। हिमांशु 2011 में भी फर्जी एडमिशन मामले में गिरफ्तार हो चुका है जबकि इंद्रजीत मालवीय नगर का छुटभैया नेता है। ये गिरोह पिछले 3 साल से सक्रिय था।
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