पंजाब नेशनल बैंक के एमडी सुनील मेहता
नई दिल्ली:
देश के सबसे बड़े 11300 करोड़ के बैंकिंग घोटाले पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की सफ़ाई दी है. पंजाब नेशनल बैंक के एमडी सुनील मेहता ने कहा है कि इस मामले की जानकारी हमने सीबीआई, सेबी और सभी संबंधित एजेंसियों को दे दी है. बैंक के कुछ कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और कुछ के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
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पीएनबी के एमडी ने कहा कि 123 वर्ष पुराना बैंक है, जिसकी स्थापना लाला लाजपत राय ने की थी. उन्होंने कहा कि यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक. 2011 में शुरू हुए घोटाले पर बैंक इसमें संलिप्त कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी जनवरी के तीसरे सप्ताह में मिली और 29 जनवरी को इसकी जानकारी सीबीआई को दी गई और 30 जनवरी को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. पीएनबी के एमडी ने कहा कि बैंक इस समस्या से निपटने में पूरी तरीके से सक्षम है. उन्होंने कहा कि आज आरोपियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई.
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हम किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे
सुनील मेहता ने मीडिया से आग्रह किया कि यह मामला काफी संवेदनशील है इसलिए इसमें सहयोग करें. उन्होंने कहा कि हम लोग किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे. हम स्वच्छ बैंकिंग पर यकीन करते हैं और आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करते हैं.
ग्राहक की पड़ताल के दौरान सामने आया यह मामला
एक सवाल के जवाब में सुनील मेहता ने कहा कि बैंक को इस मामले की जानकरी एक ग्राहक के केस की पड़ताल के दौरान सामने आई. उन्होंने कहा कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में इसकी जानकारी मिली. 29 जनवारी को इसके विषय में सीबीआई और संबंधित एजेंसी को बताया तथा 30 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई.
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उन्होंने इस बात को माना कि कर्मचारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया. यह घोटाला सिर्फ एक ब्रांच में हुआ है. आरोपियों से पैसा वसूलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरोपी ने पैसा वापस करने का कोई ठोस प्लान नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि बैंक के सीबीएस में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दर्ज नहीं हुआ था इसलिए घोटाले की जानकारी नहीं मिल पाई.
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पीएनबी के एमडी ने कहा कि 123 वर्ष पुराना बैंक है, जिसकी स्थापना लाला लाजपत राय ने की थी. उन्होंने कहा कि यह बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक. 2011 में शुरू हुए घोटाले पर बैंक इसमें संलिप्त कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी जनवरी के तीसरे सप्ताह में मिली और 29 जनवरी को इसकी जानकारी सीबीआई को दी गई और 30 जनवरी को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. पीएनबी के एमडी ने कहा कि बैंक इस समस्या से निपटने में पूरी तरीके से सक्षम है. उन्होंने कहा कि आज आरोपियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई.
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हम किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे
सुनील मेहता ने मीडिया से आग्रह किया कि यह मामला काफी संवेदनशील है इसलिए इसमें सहयोग करें. उन्होंने कहा कि हम लोग किसी भी गलत काम को बढ़ावा नहीं देंगे. हम स्वच्छ बैंकिंग पर यकीन करते हैं और आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करते हैं.
ग्राहक की पड़ताल के दौरान सामने आया यह मामला
एक सवाल के जवाब में सुनील मेहता ने कहा कि बैंक को इस मामले की जानकरी एक ग्राहक के केस की पड़ताल के दौरान सामने आई. उन्होंने कहा कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में इसकी जानकारी मिली. 29 जनवारी को इसके विषय में सीबीआई और संबंधित एजेंसी को बताया तथा 30 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई.
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उन्होंने इस बात को माना कि कर्मचारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया. यह घोटाला सिर्फ एक ब्रांच में हुआ है. आरोपियों से पैसा वसूलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरोपी ने पैसा वापस करने का कोई ठोस प्लान नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि बैंक के सीबीएस में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दर्ज नहीं हुआ था इसलिए घोटाले की जानकारी नहीं मिल पाई.
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