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This Article is From Mar 25, 2020

लॉकडाउन पर बोले पीएम मोदी, महाभारत के युद्ध को जीतने में 18 दिन लगे, कोरोना को हराने में 21 दिन लगेंगे

Coronavirus lockdown: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस दौरान कहा कि कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए सरकार ने Whatsapp के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क भी बनाई है.

कोरोना (Coronavirus) लॉकडाउन को लेकर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने वाराणसी के लोगों से संवाद किया.

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना लॉकडाउन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए सरकार ने Whatsapp के साथ मिलकर एक हेल्पडेस्क भी बनाई है. पीएम मोदी ने कहा कि महाभारत 18 दिनों में जीता गया था, कोरोनावायरस युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि आज कोराना के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं. हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे में जब देश के सामने इतना बड़ा संकट हो, पूरे विश्व के सामने इतनी बड़ी चुनौती हो, तब मुश्किलें नहीं आएंगी, सब कुछ अच्छे होगा, ये कहना अपने साथ धोखा करने जैसा होगा. संकट की इस घड़ी में, काशी सबका मार्गदर्शन कर सकती है, सबके लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप ये भी ध्यान रखिए कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में 1 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं. कल तो एक खबर में देख रहा था कि इटली में 90 वर्ष से ज्यादा आयु की माताजी भी स्वस्थ हुई हैं. लेकिन हां, नागरिक के रूप में हमें अपने कर्तव्य करते रहना चाहिए, हमें सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना चाहिए. हमें घर में रहना चाहिए और आपस में दूरी बनाए रखना चाहिए.

पीएम ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से दूर रहने का अभी यही एकमात्र उपाय है. आपने देखा होगा, बीते कुछ वर्षों में एक परंपरा शुरू हुई है कि एयरपोर्ट पर जब लोग फौज के जवानों को देखते हैं तो उनके सम्मान में खड़े हो जाते हैं, कुछ लोग तालियां भी बजाते हैं. ये आभार प्रकट करने का तरीका हमारे संस्कारों में दिनों बढ़ना ही चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समाज में ये संस्कार दिनों-दिन प्रबल हो रहा है, कि जो देश की सेवा करते हैं, जो देश के लिए खुद को खपाते हैं, उनका सार्वजनिक सम्मान भी होते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो तकलीफें आज हम उठा रहे हैं, जो मुश्किल आज हो रही है, उसकी उम्र फिलहाल 21 दिन ही है, लेकिन अगर कोरोना का संकट समाप्त नहीं हुआ, इसका फैलना नहीं रुका तो कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में जब देश के सामने इतना बड़ा संकट हो, पूरे विश्व के सामने इतनी बड़ी चुनौती हो, तब मुश्किलें नहीं आएंगी, सब कुछ अच्छे होगा, ये कहना अपने साथ धोखा करने जैसा होगा.

उन्होंने कहा कि आप सोचिए, अस्पतालों में लोग 18-18 घंटे काम कर रहे हैं. कई जगह अस्पतालो में, हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों को 2-3 घंटे से ज्यादा सोने को नहीं मिल रहा. कितने ही सिविल सोसायटी के लोग हैं जो गरीबों की मदद के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं.

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