New Delhi:
दिल्ली हाईकोर्ट सहित देश में पिछले दिनों हुई कई आतंकी घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि खुफिया सूचनाएं एकत्र करने के तंत्र को और सशक्त बनाने तथा उसमें सुधार किए जाने की जरूरत है। सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की 15वीं बैठक में कहा, पिछले बुधवार को दिल्ली में हुए आतंकी हमले ने दर्शाया है कि हम अपनी सतर्कता में किसी तरह की ढील का जोखिम नहीं उठा सकते। हम अपनी जांच एजेंसियों को मजबूत बनाएं और खुफिया सूचनाएं एकत्र करने के अपने तंत्र में सुधार करें। दिल्ली हाईकोर्ट में हाल में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस विस्फोट में 13 लोग मारे गए हैं और पुलिस या खुफिया एजेंसिया अभी तक इसकी साजिश रचने वालों के बारे कोई पुख्ता जानकारी एकत्र नहीं कर पाई हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित परिषद की इस बैठक में सांप्रदायिकता और सांप्रदायकि हिंसा पर रोक लगाने और सांप्रदायकि सौहार्द बढाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। 147 सदस्यों वाली राष्ट्रीय एकता परिषद की यह बैठक करीब तीन सालों के अंतराल पर हो रही है। परिषद की पिछली बैठक राजधानी में 13 अक्टूबर, 2008 को हुई थी। इस बैठक में बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। सिंह ने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद आज हमारे समाज और राजनीति की दो प्रमुख चुनौतियां हैं। हाल के दिल्ली के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, हमारा देश बार-बार आतंकी हिंसा का शिकार हुआ है। आतंकी भ्रमित विचारधारा को आधार बना कर इस तरह की हिंसा को जायज ठहराते हैं। लेकिन कोई सभ्य समाज इस तरह निर्दोष लोगों की हत्याओं को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि देश का लोकतांत्रिक ढांचा विभिन्न विचारों को रखने की पूरी आजादी देता है और ऐसे में हिंसा अपनाने को किसी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री ने हालांकि इस बात पर गहरा संतोष जताया कि हाल के वर्षों में विभिन्न समुदायों के बीच रिश्ते सौहार्दपूर्ण बने रहे। उन्होंने कहा, फिर भी, हमें इस बारे में सतत सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है। इस बात पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों में अक्सर यह सोच पाई जाती है कि कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होने के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियां उन्हें अनुचित तौर पर निशाना बनाती हैं। सिंह ने कहा, कानून को अपना काम करना चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि हमारी जांच एजेंसियां किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से मुक्त रहें।
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राष्ट्रीय एकता परिषद, प्रधानमंत्री, आतंकवाद, नक्सलवाद