संसद में बुधवार को विपक्ष के सांसदों ने तय कार्यवाही को रोककर किसानों के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की. यह मांग स्वीकार न किए जाने पर उन्होंने जमकर हंगामा भी किया. मांग न माने जाने पर जमकर हंगामा किया, इसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने की नौबत आई. कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हूडा ने NDTV से बातचीत में कहा, "मैंने आज विपक्ष की तरफ से एक नोटिस दिया था और मांग की थी कि राज्यसभा के बिजनेस को स्थगित करके किसानों की मांगों और उनके आंदोलन (Kisan Aandolan) पर चर्चा कराई जाए. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यसभा के सभापति ने नोटिस को अस्वीकार कर दिया. सरकार ने किसानों पर चर्चा की मांग ठुकराई है इससे किसानों की भावनाएं आहत हुई हैं हम किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे."
हंगामा संसद के अंदर के साथ ही संसद के सामने सड़क पर भी हुआ. किसान कांग्रेस के नेताओं ने संसद भवन के ठीक सामने 'फ़्लैश प्रोटेस्ट' किया और उसके कई कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए. किसान कांग्रेस के सचिव अजित राय ने NDTV से बातचीत में कहा, "हम इस प्रदर्शन के ज़रिये सरकार को मैसेज देना चाहते चाहते थे कि तीनों काले कृषि कानून वापस लिए जाएंऔर MSP पर नया कानून संसद के इसी सत्र में बने." लोकसभा में गतिरोध तोड़ने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई लेकिन कामयाब नहीं हुए.विपक्ष के रुख से साफ़ है कि यह गतिरोध फिलहाल जल्द खत्म नहीं होने वाला.
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