तिरूवनंतपुरम:
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने बुधवार को इस बात से इंकार किया कि 'सौर घोटाले' में उनकी किसी तरह की संलिप्तता है।
मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक के बाद चांडी ने कहा, "मैं भयभीत नहीं हूं। मैंने कोई गलती नहीं की है। मेरा ईश्वर पर बहुत अधिक विश्वास है। मैं जानता हूं कि यदि मैं कोई गलत काम करूंगा तो इसकी कीमत चुकानी होगी।" उन्होंने कहा कि सत्य सामने आने पर उनके खिलाफ सभी आरोप खत्म हो जाएंगे।
सौर घोटाले में गिरफ्तार सरिता नायर और उनके साझेदार बीजू राधाकृष्णन के साथ मुख्यमंत्री के निजी स्टाफ के लोगों के नजदीकी संबंधों का खुलासा होने के बाद ऐसी धारणा बन गई है कि मुख्यमंत्री भी इस पूरे घोटाले में शामिल हैं।
विपक्षी वामपंथी मोर्चे ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और जांच के निष्पक्ष तरीके से पूरा होने तक चांडी से पद छोड़ने की मांग की है।
इस पर चांडी ने कहा, "यदि मैं अभी पद छोड़ दूंगा तो यह अन्याय होगा। सत्य जल्द ही सामने आएगा। विपक्ष को सच में रुचि नहीं है। उन्हें पता है कि जब वे सत्ता में थे तो सबसे पहले यह मामला शुरू हुआ और एक आपराधिक मामला तक दर्ज नहीं हुआ। लेकिन अब केरल के लोगों को पता चल जाएगा कि वास्तव में क्या हुआ था?"
उन्होंने इस मुद्दे पर बुधवार को वामदलों के राज्यव्यापी बंद की भी आलोचना की।
चांडी ने कहा, "दो वर्ष पहले जब मैंने सत्ता संभाली तो उनका कहना था कि केवल दो सदस्यों के बहुमत वाली सरकार अधिक दिन तक नहीं चल सकेगी। जब हमने दो उपचुनाव जीत लिए तबसे हालात बदलने शुरू हो गए। उन्हें बाद में महसूस हुआ कि राज्य के लोगों का सरकार में पूरा विश्वास है। इस कारण वे बेचैन हैं और इस सरकार से डरे हैं।"
मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक के बाद चांडी ने कहा, "मैं भयभीत नहीं हूं। मैंने कोई गलती नहीं की है। मेरा ईश्वर पर बहुत अधिक विश्वास है। मैं जानता हूं कि यदि मैं कोई गलत काम करूंगा तो इसकी कीमत चुकानी होगी।" उन्होंने कहा कि सत्य सामने आने पर उनके खिलाफ सभी आरोप खत्म हो जाएंगे।
सौर घोटाले में गिरफ्तार सरिता नायर और उनके साझेदार बीजू राधाकृष्णन के साथ मुख्यमंत्री के निजी स्टाफ के लोगों के नजदीकी संबंधों का खुलासा होने के बाद ऐसी धारणा बन गई है कि मुख्यमंत्री भी इस पूरे घोटाले में शामिल हैं।
विपक्षी वामपंथी मोर्चे ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और जांच के निष्पक्ष तरीके से पूरा होने तक चांडी से पद छोड़ने की मांग की है।
इस पर चांडी ने कहा, "यदि मैं अभी पद छोड़ दूंगा तो यह अन्याय होगा। सत्य जल्द ही सामने आएगा। विपक्ष को सच में रुचि नहीं है। उन्हें पता है कि जब वे सत्ता में थे तो सबसे पहले यह मामला शुरू हुआ और एक आपराधिक मामला तक दर्ज नहीं हुआ। लेकिन अब केरल के लोगों को पता चल जाएगा कि वास्तव में क्या हुआ था?"
उन्होंने इस मुद्दे पर बुधवार को वामदलों के राज्यव्यापी बंद की भी आलोचना की।
चांडी ने कहा, "दो वर्ष पहले जब मैंने सत्ता संभाली तो उनका कहना था कि केवल दो सदस्यों के बहुमत वाली सरकार अधिक दिन तक नहीं चल सकेगी। जब हमने दो उपचुनाव जीत लिए तबसे हालात बदलने शुरू हो गए। उन्हें बाद में महसूस हुआ कि राज्य के लोगों का सरकार में पूरा विश्वास है। इस कारण वे बेचैन हैं और इस सरकार से डरे हैं।"
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