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केरल और यूपी में SIR पर रार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, अदालत ने जारी किया नोटिस

याचिका में निर्वाचन आयोग से अपील की गई है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक एसआईआर को स्थगित किया जाए, क्योंकि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह SIR की वैधता पर बाद में सवाल उठा सकती है, लेकिन फिलहाल केवल स्थगन की मांग कर रही है.

केरल और यूपी में SIR पर रार, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, अदालत ने जारी किया नोटिस
केरल सरकार की याचिका आर्टिकल 32 के तहत दाखिल की गई है.
  • केरल सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों के समाप्त होने तक SIR को स्थगित करने की याचिका SC में दायर की है.
  • इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी SIR प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग करते हुए SC में याचिका लगाई है.
  • UP के बाराबंकी से कांग्रेस सांसद तनुज पूनिया ने भी यूपी में हो रहे SIR प्रक्रिया को SC में चुनौती दी है
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नई दिल्ली:

केरल में प्रस्तावित विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 नवंबर को होगी.  राज्य सरकार ने याचिका में मांग की है कि स्थानीय निकाय चुनावों के समाप्त होने तक एसआईआर को स्थगित किया जाए. राज्य सरकार के साथ ही, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एसआईआर प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है. दोनों याचिकाओं में मुख्य तर्क यही है कि एसआईआर और स्थानीय निकाय चुनावों का एक साथ होना प्रशासनिक रूप से असंभव है और इससे मतदाताओं के अधिकारों का हनन होगा.

केरल सरकार की याचिका आर्टिकल 32 के तहत दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि राज्य में 1,200 स्थानीय स्वशासन संस्थाएं (एलएसजीआई) हैं, जिनमें 941 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक पंचायत, 14 जिला पंचायत, 87 नगर पालिकाएं और 6 निगम शामिल हैं. इनके कुल 23,612 वार्डों के लिए चुनाव दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को होने हैं, जबकि गिनती 13 दिसंबर को होगी.

"एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू"

एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हो चुकी है और ड्राफ्ट मतदाता सूची 4 दिसंबर को प्रकाशित होनी है. याचिका में तर्क दिया गया कि इन चुनावों के लिए 1,76,000 कर्मियों और 68,000 सुरक्षा बलों की जरूरत है, जबकि एसआईआर के लिए अतिरिक्त 25,668 कर्मी चाहिए. इससे प्रशासनिक मशीनरी पर भारी दबाव पड़ेगा और सामान्य शासन व्यवस्था ठप हो जाएगी.

याचिका में निर्वाचन आयोग से अपील की गई है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक एसआईआर को स्थगित किया जाए, क्योंकि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह SIR की वैधता पर बाद में सवाल उठा सकती है, लेकिन फिलहाल केवल स्थगन की मांग कर रही है.

वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से कांग्रेस सांसद तनुज पूनिया ने भी यूपी मे हो रहे SIR प्रक्रिया को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद तनुज पूनिया की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है.

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