500 और 1000 के नोट बंद करने से गदगद अण्णा हजारे, मोदी सरकार का 'क्रांतिकारी' कदम बताया

500 और 1000 के नोट बंद करने से गदगद अण्णा हजारे, मोदी सरकार का 'क्रांतिकारी' कदम बताया

अण्णा हजारे की फाइल फोटो

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हैं अण्णा हजारे
  • 500, 1000 नोट को अमान्य किए जाने के निर्णय को साहसिक व क्रांतिकारी बताया
  • केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए अण्णा ने कहा कि इससे काले धन पर रोक लगेगी
अहमदनगर (महाराष्ट्र):

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले अण्णा हजारे ने 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट को अमान्य किए जाने के निर्णय को 'साहसिक और क्रांतिकारी' कदम बताते हुए केंद्र सरकार की प्रशंसा की और कहा कि इससे काले धन पर रोक लगेगी.

हजारे ने कहा, 'क्रांतिकारी कदम से काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर लगाम कसेगा.' उन्होंने कहा, 'पूर्ववर्ती सरकारों ने काला धन पर रोक लगाने की कभी भी इच्छाशक्ति नहीं दिखाई. वर्तमान सरकार ने साहसिक कदम उठाया है और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा.'

राजनीतिक दलों की फंडिंग में 'भेदभाव' की तरफ इशारा करते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सरकार के लिए अगला कदम चुनावी प्रक्रिया को 'साफ सुथरा' करना होना चाहिए.

कुछ राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने कहा, 'सरकार को अब चुनावी प्रक्रिया और राजनीति से काला धन खत्म करने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए. साथ ही चुनाव सुधार भी लाना चाहिए.'

हजारे ने आरोप लगाया कि लगभग सभी राजनीतिक दल चुनावों के लिए बड़ी मात्रा में नकद धन चंदे के रूप में प्राप्त करते हैं, लेकिन आयकर अधिकारियों और आरटीआई की नजर से बचने के लिए 20 हजार से कम रुपये का रसीद देते हैं. उन्होंने कहा, 'इसलिए समय आ गया है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करे ताकि इसे और विश्वसनीय बनाया जा सके.' बहरहाल उन्होंने चेतावनी दी कि नए नोट शुरू करने से पहले पर्याप्त सुरक्षा अपनाए जाने की जरूरत है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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