
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने छह महीने से अधिक समय के बाद गुरुवार को पटना में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कुछ सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कृषि बिल (Agricultural Bill) पर फिर विपक्ष के ऊपर आरोप लगाया कि इसके बारे में अनावश्यक ग़लतफ़हमी पैदा की जा रही है. नीतीश कुमार पिछले तीन दिनों से पार्टी दफ्तर में पार्टी के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलते हैं जिन्होंने उनसे हाल के दिन में समय मांगा था.
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वहीं नीतीश ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि जहा तक कृषि बिल पर विरोध का सवाल है, 2006 में आपको मालूम है जो हम लोगों ने किया था, इसके चलते अनाज का प्रोक्योरमेंट वग़ैरह बहुत सुधरा.
आप देख रहे हैं सालों से जो सब कुछ हो ही रहा है, जो पैक्स हैं, उसको इतना हम लोग सुदृढ़ किए. इसलिए बिहार की स्थिति सुधरी और उससे पहले लोगों को अपने अनाज और सामान पहले कहां लिया जाता था. उनके अनुसार बिहार में जो कुछ पहले हुआ उसी रास्ते पर देश भर में भी सुधार हो रहा है, और पूरे देश में अनावश्यक ग़लतफ़हमी पैदा की जा रही है.
नीतीश कुमार छह महीने से अधिक समय के बाद पत्रकारों के सवाल का वृहस्पतिवार को जवाब दिया । ऐसे आजकल बाइट देने से नीतीश बाबू परहेज़ करते हैं ।@ndtvindia@Anurag_Dwary@NitishKumar pic.twitter.com/kusCAj9MLt
— manish (@manishndtv) September 24, 2020
हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने नीतीश कुमार के इस सुधार के सम्बंध में एक अध्ययन को आधार बनाकर ट्वीट किया है.
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बिहार ने 2006 में APMC अधिनियम को समाप्त कर दिया। केंद्र सरकार ने 2 कृषि विधेयक के बचाव में भी ये तर्क दिया I लेकिन वास्तव में उसे समाप्त करने से क्या हासिल हुआ ? ये कुछ तथ्य हैं । pic.twitter.com/HnoJfDqYUd
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 24, 2020
पार्टी दफ़्तर में कार्यकर्ताओं से मिलने के कार्यक्रम के बारे में नीतीश ने कहा कि चुनाव आने पर हम सभी लोगों से ऐसे ही मिलते हैं, क्षेत्र वग़ैरह का आइडिया भी लेते हैं. आप जानते हैं वर्षों से हम जितना दिन यहां रहेंगे यहां आते रहेंगे.
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