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This Article is From Jun 22, 2017

मध्य प्रदेश में एक और किसान ने लगाई फांसी, आंदोलन के बाद से अब तक 19 किसान दे चुके हैं जान

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद से अब तक19 किसान जान दे चुके हैं. घटना खिमलासा थाने के तहत आने वाले बसाहरी गांव की है.

मध्य प्रदेश में एक और किसान ने लगाई फांसी, आंदोलन के बाद से अब तक 19 किसान दे चुके हैं जान
मध्य प्रदेश में एक और किसान ने की आत्महत्या
  • महुआ के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली
  • नोट में बताई आत्महत्या की वजह
  • साहूकार कर्ज वसूलने के बावजूद तंग कर रहा था
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भोपाल: मध्य प्रदेश एक और किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट में शंकर उदैनिया नाम के एक साहूकार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए खुरई शासकीय अस्पताल पहुंचा दिया है. मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद से अब तक19 किसान जान दे चुके हैं. घटना खिमलासा थाने के तहत आने वाले बसाहरी गांव की है. किसान गुलई ने बुधवार को खेत में लगे महुआ के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान की जेब से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें जिक्र किया गया है कि उसने शंकर उदैनिया से एक लाख रुपये का कर्ज लिया था. यह कर्ज ब्याज के साथ चुका दिया है. इसके बाद भी उदैनिया उससे ढाई लाख रुपये नकद मांग रहा है. जमीन पर कब्जा करने की धमकी दे रहा है. इसके अलावा उसे लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. इसके अलावा धन्नालाल खड़ेसरा भी जान से मारने की धमकी देकर किसी मामले में फंसाने की बात करता है. इन सब चीजों से परेशान किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
 
suicide note

बुधवार दोपहर करीब 2 बजे किसान को रामकली बाई ने फांसी पर लटका देखा और खिमलासा पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा तैयार कर शाम साढ़े पांच बजे शव पोस्टमार्टम के लिए खुरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. शाम को तहसीलदार राजेश मेहरा ने मृतक किसान के घर पहुंचकर परिजन के बयान लेकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पत्नी के नाम से कराई रजिस्ट्री
सुसाइड नोट में लिखा है कि शंकर उदैनिया ने धोखे से अपनी पत्नी कमला बाई के नाम से उसकी जमीन की रजिस्ट्री करा ली. परिजन ने बताया कि किसान की कुल 11 एकड़ जमीन थी. कर्ज के चलते इसमें से 5 एकड़ जमीन बिक चुकी है. किसान के पास सिर्फ 7 एकड़ जमीन शेष रह गई. ग्रामीणों ने बताया कि जमीन बिकने से किसान तनाव में रहता था. नायब तहसीलदार का कहना है कि मामले में परिजनों के बयान लिए गए हैं, मामला पुलिस का है. जांच उपरांत आवश्यक कार्यवाही होगी.

सेंट्रल बैंक का भी था कर्ज 
मृत किसान का सेंट्रल बैंक की खिमलासा शाखा का भी कर्ज बकाया था

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