मुंबई:
महाराष्ट्र सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के किसानों और राज्य सरकार के बीच रविवार को चली बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद सरकार ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है. बैठक में तय किया गया है कि कर्ज़ माफ़ी के लिए सरकार और किसानों की कमेटी बनेगी और किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. सरकार के इस फैसले के बाद किसान संगठनों ने सोमवार को आयोजित किया जाने वाला प्रदर्शन रद्द कर दिया है. उम्मीद है कि अब किसानों का आंदोलन समाप्त हो जाएगा. शनिवार को बंद कमरे में तकरीबन 3 घंटे चली लंबी बैठक के बाद महाराष्ट्र के किसानों ने राज्य सरकार से बातचीत का न्योता स्वीकार कर लिया था. सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले एनडीटीवी से बातचीत में किसान नेता रघुनाथ पाटिल ने कहा था कि किसान अब भी अपनी मांगों को लेकर कायम हैं और जब तक सरकार उनकी सारी मांगे नहीं मान लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय किया है. सीमांत किसानों का सारा कर्ज आज से ही माफ किया जाता है.’’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष पाटिल किसान नेताओं से चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. वार्ता में भाग लेने वाले किसान नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि वह खुश हैं कि उनकी मांगें मान ली गयी हैं. शेट्टी ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे सुलझ गये हैं. हमने कल और परसों होने वाले धरना प्रदर्शन सहित अपना आंदोलन अस्थाई रूप से वापस लेने का फैसला लिया है. लेकिन, यदि 25 जुलाई तक (कर्ज माफी पर) कोई संतोषजनक फैसला नहीं लिया गया तो हम अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’’
अन्य किसान नेता रघुनाथदादा पाटिल ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों का ‘सारा कर्ज’ माफ होगा. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल दिवाली के त्योहार जैसा माहौल है. हमारी सभी, 100 प्रतिशत, मांगें मान ली गयी हैं.’’ उन्होंने कहा कि मंत्रीसमूह ने किसानों को आज से नये सिरे से कर्ज देना शुरू करने का फैसला लिया है. निर्दलीय विधायक बाचु काडु ने कहा, ‘‘हम 12 और 13 जून को आहूत सड़क और रेल रोको आंदोलन वापस ले रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, यदि रविवार को लिये गये फैसले 24 जुलाई तक लागू नहीं होते हैं तो, किसान अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’’ राजस्व मंत्री से जब पूछा गया कि आज से जब नये सिरे से कर्ज दिया जा रहा है तो क्या पुराने कर्ज का समावेशन होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह सामान्य बैंकिंग प्रश्न है. जब तक पुराना कर्ज माफ नहीं होगा, नया कर्ज नहीं मिल सकता.’’
एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्ज माफी सहित किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए छह सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की थी. एक अधिकारी ने बताया था कि इस छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल करेंगे. समिति किसान नेताओं के साथ विचार विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
उल्लेखनीय है कि राज्य में किसान कर्ज माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन को लेकर फडणवीस विपक्ष के निशाने पर हैं. समिति के सदस्यों में शिवसेना मंत्री दिवाकर राउते, कृषि मंत्री पांडुरंग फुंदकर, वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख व जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन हैं. समिति किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों पर विचार विमर्श करेगी और राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी.
राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय किया है. सीमांत किसानों का सारा कर्ज आज से ही माफ किया जाता है.’’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष पाटिल किसान नेताओं से चर्चा के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. वार्ता में भाग लेने वाले किसान नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि वह खुश हैं कि उनकी मांगें मान ली गयी हैं. शेट्टी ने कहा, ‘‘हमारे मुद्दे सुलझ गये हैं. हमने कल और परसों होने वाले धरना प्रदर्शन सहित अपना आंदोलन अस्थाई रूप से वापस लेने का फैसला लिया है. लेकिन, यदि 25 जुलाई तक (कर्ज माफी पर) कोई संतोषजनक फैसला नहीं लिया गया तो हम अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’’
अन्य किसान नेता रघुनाथदादा पाटिल ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों का ‘सारा कर्ज’ माफ होगा. उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल दिवाली के त्योहार जैसा माहौल है. हमारी सभी, 100 प्रतिशत, मांगें मान ली गयी हैं.’’ उन्होंने कहा कि मंत्रीसमूह ने किसानों को आज से नये सिरे से कर्ज देना शुरू करने का फैसला लिया है. निर्दलीय विधायक बाचु काडु ने कहा, ‘‘हम 12 और 13 जून को आहूत सड़क और रेल रोको आंदोलन वापस ले रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, यदि रविवार को लिये गये फैसले 24 जुलाई तक लागू नहीं होते हैं तो, किसान अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे.’’ राजस्व मंत्री से जब पूछा गया कि आज से जब नये सिरे से कर्ज दिया जा रहा है तो क्या पुराने कर्ज का समावेशन होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह सामान्य बैंकिंग प्रश्न है. जब तक पुराना कर्ज माफ नहीं होगा, नया कर्ज नहीं मिल सकता.’’
एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्ज माफी सहित किसानों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए छह सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की थी. एक अधिकारी ने बताया था कि इस छह सदस्यीय समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल करेंगे. समिति किसान नेताओं के साथ विचार विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
उल्लेखनीय है कि राज्य में किसान कर्ज माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन को लेकर फडणवीस विपक्ष के निशाने पर हैं. समिति के सदस्यों में शिवसेना मंत्री दिवाकर राउते, कृषि मंत्री पांडुरंग फुंदकर, वित्त मंत्री सुधीर मुंगंतीवार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख व जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन हैं. समिति किसान नेताओं के साथ उनकी मांगों पर विचार विमर्श करेगी और राज्य सरकार को प्रस्ताव सौंपेगी.
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