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This Article is From Sep 05, 2011

कैबिनेट में पेश होगा नया भूमि अधिग्रहण विधेयक

किसानों से ली गई ज़मीन अगर उस काम में इस्तेमाल नहीं होती जिसके लिए ली गई है तो ऐसी सूरत में ये ज़मीन उसके मालिक के पास नहीं बल्कि राज्य सरकार के पास चली जाएगी।
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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट आज नए भूमि अधिग्रहण कानून को मंज़ूरी दे सकती है। नए बिल में काफी बदलाव किए गए हैं। इस बिल के मुताबिक किसानों से ली गई ज़मीन पर बाजार भाव से 4 गुना ज्यादा मुआवज़ा दिया जाएगा। हालांकि राहुल गांधी और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने 6 गुना रेट की सिफारिश की थी। साथ ही रेलवे नहरों और पावर लाइंस के लिए ली जाने वाली ज़मीनों को इस बिल से अलग रखा गया है। इसके अलावा किसानों से ली गई ज़मीन अगर उस काम में इस्तेमाल नहीं होती जिसके लिए ली गई है तो ऐसी सूरत में ये ज़मीन उसके मालिक के पास नहीं बल्कि राज्य सरकार के पास चली जाएगी। पहले के बिल के मुताबिक उपजाऊ ज़मीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता था लेकिन ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने इसे बदलते हुए ज़मीन अधिग्रहण की सीमा 5 फीसदी तक कर दी है पर इसके लिए एक शर्त ये है कि अधिग्रहण करने वाले को उसी ज़िले में ज़मीन के बराबर बंजर ज़मीन को विकसित करना होगा।

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