जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र सरकार की बढ़ती जा रही है चिंता

जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र सरकार की बढ़ती जा रही है चिंता

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। गृह मंत्री ने इस बात पर बैठक की। चर्चा उन सभी मुद्दों पर हुई जिनका असर 2016 की गर्मियों पर पड़ सकता है। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती की सरकार बने दो महीने हो गए हैं लेकिन राज्य सरकार की सियासी इच्छाशक्ति कश्मीर घाटी में कहीं दिखाई नहीं दे रही है। सुरक्षा गलियारों में इसे लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर इसी सिलसिले में एक लंबी बैठक हुई। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद रहे।

एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ इस बैठक में उन मुद्दों पर बात हुई जो 2016 में घाटी के लिहाज़ से अहम हैं, जिनमें घाटी में कश्मीरी पंडितों की कॉलोनी और सैनिक कॉलोनी बनाने और ग़रीबों के लिए घर बसाने पर चर्चा हुई। साथ ही ऐसा समझा गया कि इन दोनों ही मुद्दों पर घाटी के स्थानीय लोगों में काफ़ी नाराज़गी है और उनका मानना है कि बीजेपी बाहरी लोगों को घाटी में बसाने की कोशिश कर रही है।

ख़ास बात ये है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में सत्ता पर काबिज पीडीपी का कोई नुमाइंदा मौजूद नहीं था। बैठक में राज्य के लिए नई औद्योगिक नीति पर भी चर्चा हुई। ये पॉलिसी राज्यपाल शासन के ही समय तय हुई थी। इसके ज़रिए घाटी में रोज़गार के साथ-साथ उद्योग लगाने की कोशिश है। नीति के तहत पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप के ज़रिए उद्योग लगाने के लिए 40 साल तक ज़मीन लीज़ पर देने का भी प्रस्ताव है। लेकिन इसे लेकर स्थानीय लोग ही नहीं, वहां के राजनीतिक दल भी बीजेपी के ख़िलाफ़ हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा, "पंडितों को बसाने से लेकर वहां आजकल क्या महौल है इस पर चर्चा हुई।" घाटी में हाल के दिनों में घुसपैठ काफ़ी बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक क़रीब 70 आतंकी साल के पहले चार महीनों में घुसपैठ कर चुके हैं।

रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने कहा, "घुसपैठ बढ़ी है, मुठभेड़ें भी बढ़ी है, नई स्ट्रैटेजी के बारे में बात हुई।" केंद्र सरकार जानती है कि अगर इन सभी मुद्दों पर उसने अपना रुख अभी ही सख़्त नहीं किया तो आगे उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।


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