
श्रीनगर में सोमवार को ही हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में तीन पुलिसवाले शहीद हो गए
श्रीनगर:
श्रीनगर का सरायबल में जैश के दो आतंकवादी मारे गए उनमें से एक जैश का टॉप का कमांडर सैफ़ुल्लाह था। इस ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा बलों को हैरत में डाल रखा है कि कैसे जैश के दो आतंकवादियों ने शहर के बीचों बीच अपना ठिकाना बनाया हुआ था। "दोनों ने अपने आप को छात्र बता कर कमरा लिया था और कहा था कि वो बाहर के रहने वाले हैं।"
सरायबल का इलाक़ा लाल चौक से महज 500 मीटर की दूरी पर है और जम्मू-कश्मीर की विधानसभा से सिर्फ़ डेढ़ किलोमीटर। ये कहना ग़लत नहीं होगा कि ये बेहद संवेदनशील इलाक़ा है। ऑपरेशन में शरीक हुए एक अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "आतंकवादियों ने अपना बेस ऐसे इलाक़े में बनाया था जो कि बहुत भीड़भाड़ वाला इलाक़ा था, इसीलिए ऑपरेशन करते हुए हमें ख़ास एहतियात बरतने पड़े।"
छोटी ने दिया ऑपरेशन को अंजाम
एक अफ़सर ने बताया, ''एक बहुत छोटी टीम ने इस ऑपरेशन को मुमकिन बनाया, बेहद ही क्लीन ऑपरेशन था। दूसरे आतंकवादी की शिनाख्त की जा रही है।" दरअसल सोमवार को हुए हमलों के बाद सुरक्षा बल जांच में जुटे थे। इलाक़े में आतंकी होने की ख़बर उन्हें लगी तो उन्होंने एक पिन प्वाइंटेड ऑपरेशन किया।
एक सीनियर अफ़सर ने कहा, "लगता है कुछ दिनों से उन्होंने इस इलाक़े में अपना बेस बनाया हुआ था ये एक चिंताजनक बात है।" दरअसल चिंता इस बात की है कि कुछ दिनों में असेम्बली शुरू होने वाली है।
टेंगपुरा हमले में शामिल हो सकता है मारा गया आतंकी
दोनों आतंकी पाकिस्तानी बताए जाते हैं और उनके पास से एक AK-47, एक पिस्टल और ग्रेनेड मिला है। माना जा रहा है कि एक मारा गया आतंकी टेंगपुरा इलाक़े में शामिल हो सकता है, लेकिन पुलिस अभी तक कुछ नहीं कह रही है। एक अफ़सर ने कहा, 'हम फ़ोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं तभी कुछ कह सकते हैं। हो सकता है कि सोमवार के हमले के बाद जानबूझकर हिज़्बुल ने ज़िम्मेदारी ली हो ताकि सुरक्षा बलों को जांच से भटकाया जा सके।"
दरअसल एनकाउंटर में बरामद गोलियों का मिलान हमले में मिली गोलियों से होगा तब तस्वीर साफ़ होगी। सैफ़ुल्लाह जैश का टॉप कमांडर है और नॉर्थ कश्मीर में बहुत सालों से सक्रिय था। सुरक्षा बलों को उसकी कई सालों से तलाश थी।
सरायबल का इलाक़ा लाल चौक से महज 500 मीटर की दूरी पर है और जम्मू-कश्मीर की विधानसभा से सिर्फ़ डेढ़ किलोमीटर। ये कहना ग़लत नहीं होगा कि ये बेहद संवेदनशील इलाक़ा है। ऑपरेशन में शरीक हुए एक अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, "आतंकवादियों ने अपना बेस ऐसे इलाक़े में बनाया था जो कि बहुत भीड़भाड़ वाला इलाक़ा था, इसीलिए ऑपरेशन करते हुए हमें ख़ास एहतियात बरतने पड़े।"
छोटी ने दिया ऑपरेशन को अंजाम
एक अफ़सर ने बताया, ''एक बहुत छोटी टीम ने इस ऑपरेशन को मुमकिन बनाया, बेहद ही क्लीन ऑपरेशन था। दूसरे आतंकवादी की शिनाख्त की जा रही है।" दरअसल सोमवार को हुए हमलों के बाद सुरक्षा बल जांच में जुटे थे। इलाक़े में आतंकी होने की ख़बर उन्हें लगी तो उन्होंने एक पिन प्वाइंटेड ऑपरेशन किया।
एक सीनियर अफ़सर ने कहा, "लगता है कुछ दिनों से उन्होंने इस इलाक़े में अपना बेस बनाया हुआ था ये एक चिंताजनक बात है।" दरअसल चिंता इस बात की है कि कुछ दिनों में असेम्बली शुरू होने वाली है।
टेंगपुरा हमले में शामिल हो सकता है मारा गया आतंकी
दोनों आतंकी पाकिस्तानी बताए जाते हैं और उनके पास से एक AK-47, एक पिस्टल और ग्रेनेड मिला है। माना जा रहा है कि एक मारा गया आतंकी टेंगपुरा इलाक़े में शामिल हो सकता है, लेकिन पुलिस अभी तक कुछ नहीं कह रही है। एक अफ़सर ने कहा, 'हम फ़ोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं तभी कुछ कह सकते हैं। हो सकता है कि सोमवार के हमले के बाद जानबूझकर हिज़्बुल ने ज़िम्मेदारी ली हो ताकि सुरक्षा बलों को जांच से भटकाया जा सके।"
दरअसल एनकाउंटर में बरामद गोलियों का मिलान हमले में मिली गोलियों से होगा तब तस्वीर साफ़ होगी। सैफ़ुल्लाह जैश का टॉप कमांडर है और नॉर्थ कश्मीर में बहुत सालों से सक्रिय था। सुरक्षा बलों को उसकी कई सालों से तलाश थी।
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