नई दिल्ली:
खुफिया सूचना उपलब्ध रहने के बावजूद हैदराबाद में गुरुवार की शाम हुए दोहरे बम विस्फोट को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 'बड़ी चूक' करार देते हुए शुक्रवार को केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को उसके आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्धता के दावे के लिए फटकार लगाई और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से कार्रवाई में इसकी झलक दिखाने का आग्रह किया।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में शिंदे के बयान के बाद कहा, "आतंकवाद से लड़ाई में आप प्रतिबद्धता दिखाएं। क्या केंद्र सरकार की भूमिका सिर्फ राज्यों को सचेत करने तक है या फिर आतंकी गतिविधि रोकने की भी है?"
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने बेंगलुरू और मुंबई को भी आतंकवादी हमले के प्रति सचेत किया था। उन्होंने यह जानना चाहा कि इन दोनों शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए। उन्होंने यह जानना चाहा कि हैदराबाद विस्फोट अफजल गुरु की फांसी से जुड़ा तो नहीं है और सवाल किया कि सरकार ने संसद पर हमले के दोषी को फंदे पर लटकाने में नौ वर्ष का समय क्यों लगाया।
विपक्ष की नेता ने यह भी जानना चाहा कि क्या ये विस्फोट हैदराबाद में मजलिस-ए-एत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) नेताओं के हाल के भड़काऊ भाषण से संबद्ध तो नहीं हैं?
यह कहते हुए कि आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में कोई तालमेल नहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दोनों को इस मुसीबत के खिलाफ एकजुट हो कर लड़ने की जरूरत है।
इससे पहले, हैदराबाद बम विस्फोट पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले से खुफिया जानकारी रहने पर सरकार की जवाबदेही बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, "गृह मंत्री कहते हैं कि इसकी खुफिया जानकारी पहले से थी और जानकारी राज्यों को दे दी गई थी। यदि पहले से सतर्क कर दिया गया था, फिर भी हमला हुआ और निर्दोष लोगों का मारा जाना एक बड़ी चूक है।" उन्होंने कहा, "यदि आतंकवादी हमले के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी, तो सरकार की जवाहदेही और भी बढ़ जाती है..राज्य व केंद्र की सरकारें क्या कर रही थीं।"
सुषमा ने कहा कि आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता। देश को आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में शिंदे के बयान के बाद कहा, "आतंकवाद से लड़ाई में आप प्रतिबद्धता दिखाएं। क्या केंद्र सरकार की भूमिका सिर्फ राज्यों को सचेत करने तक है या फिर आतंकी गतिविधि रोकने की भी है?"
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने बेंगलुरू और मुंबई को भी आतंकवादी हमले के प्रति सचेत किया था। उन्होंने यह जानना चाहा कि इन दोनों शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए। उन्होंने यह जानना चाहा कि हैदराबाद विस्फोट अफजल गुरु की फांसी से जुड़ा तो नहीं है और सवाल किया कि सरकार ने संसद पर हमले के दोषी को फंदे पर लटकाने में नौ वर्ष का समय क्यों लगाया।
विपक्ष की नेता ने यह भी जानना चाहा कि क्या ये विस्फोट हैदराबाद में मजलिस-ए-एत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) नेताओं के हाल के भड़काऊ भाषण से संबद्ध तो नहीं हैं?
यह कहते हुए कि आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में कोई तालमेल नहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दोनों को इस मुसीबत के खिलाफ एकजुट हो कर लड़ने की जरूरत है।
इससे पहले, हैदराबाद बम विस्फोट पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले से खुफिया जानकारी रहने पर सरकार की जवाबदेही बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, "गृह मंत्री कहते हैं कि इसकी खुफिया जानकारी पहले से थी और जानकारी राज्यों को दे दी गई थी। यदि पहले से सतर्क कर दिया गया था, फिर भी हमला हुआ और निर्दोष लोगों का मारा जाना एक बड़ी चूक है।" उन्होंने कहा, "यदि आतंकवादी हमले के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी, तो सरकार की जवाहदेही और भी बढ़ जाती है..राज्य व केंद्र की सरकारें क्या कर रही थीं।"
सुषमा ने कहा कि आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता। देश को आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।
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