यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्रों (Indian student Ukraine News) की सुरक्षित स्वदेश वापसी के बीच मंगलवार को उस वक्त दिल को झकझोर करने वाली खबर आई, जब युद्धग्रस्त (Russia Ukraine War) खारकीव शहर में एक भारतीय मेडिकल स्टूडेंट रूस की बमबारी की चपेट में आ गया और मारा गया. मृत की पहचान कर्नाटक के हावेरी जिले के नवीन शेखरप्पा (Indian student Naveen Shekharappa) के तौर पर हुई है. नवीन की दो दिन पहले ही उसके पिता और दादा से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत हुई थी. अब उनका परिवार सदमे में हैं और उन पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है. नवीन के आखिरी लफ्जों को याद कर परिजन बुरी तरह रो रहे हैं. पिता ने तब नवीन को सलाह दी थी कि अगर उसके पास भारतीय झंडा हो तो वो उस बिल्डिंग पर फहरा दे, जहां वो ठहरा हुआ है. नवीन के दादा ने उससे कहा था कि सीमा पर सुरक्षित जाने के विकल्प तलाशना मगर बमबारी के बीच कतई बाहर मत निकलना. नवीन के उसके परिवारवालों के साथ ये बातचीत किसी को भी दिल तोड़ने वाली है. ऐसा प्रतीत होता है कि नवीन और अन्य भारतीय छात्र एक बंकर में शरण लिए हुए थे, जहां से केवल दो फीसदी लोग ही सुरक्षित बाहर जा पाए थे. जब उसके पिता ने यह पूछा कि वो क्यों नहीं गया, तो उसने कहा कि काफी भीड़भाड़ था और हालात बेहद नाजुक थे. बातचीत के अंश...
नवीन के पापा:- हैलो, भुवि...कितने लोग अभी तक निकल पाए हैं वहां से नवीन:- 15 से 20 लड़के मेरे सीनियर्स हैं वो जा पाए हैं
नवीन के पापा:- 15 से 20 सीनियर्स निकल गए हैं अभी तक ऐसा कह रहा हैनवीन के दादा:-भुवि मैं तुम्हारा दादा बोल रहा हूं तुम भी वहाँ से तुरंत निकलने की कोशिश करो, वहाँ से किसी भी तरह निकल जाओ
नवीन:-सब कोशिश कर रहे हैं
दादा:- हां करो क्योंकि दिन ब दिन वहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं,
नवीन:- हां
दादा:- हमने मंत्री पीयूष गोयल से बात की है, उन्होंने कहा कि वहाँ थोड़ी परेशानी ज्यादा है किसी तरह कोशिश करके वहाँ से मूव कर जाए तो बचाव सम्भव है, उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार ने दोनों देशों से बात की है, दोनों देशों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वहाँ पर इण्डियन्स को कुछ नहीं होगा
नवीन:- जी
दादा:- इसीलिए तुम कुछ प्लान करो, इनिशिएटिव लो, सिचुएशन को पूरी तरह पहले देख लो, बमबारी के वक्त बाहर मत निकलना समझे
नवीन:- जी समझ गया
दादा:- कोई ट्रेन बस मिल जाए
नवीन:-हाँ अज्जा इन्फो मिली है कि अब ट्रेन्स चलने लगी है, सुबह 6 बजे 10 बजे और दोपहर 1 बजे की ट्रेन है
दादा:-वहाँ के हालात देखकर ही फैसला लेना, 40-50 KM निकल जाओगे तो कुछ रास्ता निकल मिल जायेगा, लेकिन बिना किसी मदद के अपने आप कोई खतरा मत उठाना
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