यह ख़बर 25 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

बढ़ता पूंजीवाद देश के लिए घातक : भागवत

खास बातें

  • भागवत ने कहा कि बढ़ता पूंजीवाद देश के लिए घातक है। स्वावलंबन और स्वाभिमान की बुनियाद पर देश से गरीबी समाप्त हो सकती है।
मोतिहारी:

भारत को अमीर देश और भारतीयों को गरीब बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि राष्ट्र की आर्थिक नीतियों में सुधार करना होगा। भागवत ने कहा कि बढ़ता पूंजीवाद देश के लिए घातक है। स्वावलंबन और स्वाभिमान की बुनियाद पर देश से गरीबी समाप्त हो सकती है। संघ के एक प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रम में शिरकत करने आये भागवत ने सभी राजनीतिक दलों से समाज में गरीबी मिटाने के लिए पहल करने की अपील की। सरसंघचालक बनने के बाद पहली बार चंपारण आए भागवत ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि संघ कभी बचाव की मुद्रा में आता है तो यह अर्थ नहीं लगाना चाहिए कि यह कमजोर है। संघ के बचाव में आने का मतलब केवल समाज में शत्रुता का भाव पैदा नहीं होने के लिए होता है। उन्होंने कहा कि चाहे रामजन्मभूमि विवाद हो या हिंदू आतंकवाद की चर्चा, संघ ने हमेशा कोशिश की है कि समाज में विद्वेष नहीं फैले।


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