भ्रष्टाचार के रिकार्ड तोड़कर धनकुबेर बन बैठे नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित मुख्य अभियंता यादव सिंह ने अपनी 40 फर्जी कंपनियों को बेचकर जुटाई रकम कहां छिपाई है, यह पता लगाने में आयकर विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
आयकर विभाग को संदेह है कि यह पैसा हवाला के जरिये विदेशों में भेजा गया और वहां रियल स्टेट और फैक्ट्रियां खोलने में इस्तेमाल हुआ। इसकी तह तक जाने के लिए आयकर विभाग प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मदद ले रहा है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यादव सिंह की 40 फर्जी कंपनियों में पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होने के प्रमाण आयकर विभाग को मिले थे। बाद में उसने अचानक सभी कंपनियों को बेच दिया।
कंपनियां बेचने के बाद मिले हजारों करोड़ रुपये उसने कहां छुपाए हैं, यह पता लगाने में जुटे आयकर विभाग को अंदेशा है कि यादव सिंह ने अपनी काली कमाई देश से बाहर छुपाया है और यह बिना हवाला नेटवर्क के इतनी बड़ी रकम विदेशों में भेजना संभव नहीं है। इसलिए आयकर विभाग अब यादव सिंह और उसके करीबियों पर अपना शिकंजा कसता जा रहा है।
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