कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने शनिवार सुबह वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के बचाव में सामने आए, उन्होंने ट्वीट किया कि "अवमानना की शक्ति (अदालतों द्वारा) का इस्तेमाल लोहार के हथौड़े (Sledgehammer) के तौर पर किया जा रहा है." इसके साथ ही सिब्बल ने चेतावनी दी कि इतिहास "हमें निराश करने" के लिए अदालतों का न्याय करेगा. बता दें कि पिछले हफ्ते प्रशांत भूषण को भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और सुप्रीम कोर्ट को लेकर किए गए ट्वीट पर कोर्ट के अवमानना (Contempt) का दोषी ठहराया गया था.
भूषण ने कहा था कि उन्हें "बहुत गलत समझा गया", उन्होंने यह भी कहा कि ट्वीट उनके सर्वोच्च कर्तव्य का निर्वहन करने का प्रयास था. शीर्ष अदालत के सामने भूषण की तरफ से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया. "अवमानना की शक्ति का इस्तेमाल को स्लेजहैमर (लोहार का हथौड़ा) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है ...जब संविधान को बचाने वाले संस्थानों की बात आती है तो न्यायालय असहाय क्यों हो जाता है और कानून दिखाने लगता है. दोनों के लिए खुली अवमानना होनी चाहिए? बड़े मुद्दे दांव पर हैं. हमें नीचा दिखाने के लिए अदालत को इतिहास कसौटी पर परखेगा.''
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20 अगस्त को सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण चाहें तो 24 अगस्त तक बिना शर्त माफीनामा दाखिल कर सकते हैं. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अगर वो माफीनामा दाखिल करते हैं तो 25 अगस्त को इस पर विचार किया जाएगा. अगर माफीनामा दाखिल नहीं करते हैं तो अदालत सजा पर फैसला सुनाएगी. एक हफ्ते पहले ही भूषण कोका दोषी घोषित किया गया था.
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