हिसार के बरवाला में हरियाणा पुलिस ने रात 9.20 मिनट के करीब रामपाल को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि रामपाल के पास जब कोई चारा नहीं बचा था तब वह खुद ही बाहर आ गया और पुलिस उसे गिरफ्तार कर चंडीगढ़ ले जा रही है। फिलहाल पुलिस रामपाल को अस्पताल लेकर गई है जहां पर उसकी मेडिकल जांच कराई जाएगी। इसके बाद पुलिस हिरासत में रामपाल को रखा जाएगा। रामपाल और उसके एक हजार समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह समेत चार केस दर्ज किए हैं।
पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने कहा कि विवादास्पद ‘स्वयंभू संत’ को एक अभियान के बाद हिरासत में ले लिया गया है। अभियान ‘बहुत मुश्किल’ था क्योंकि सुरक्षा बलों को रामपाल के कमांडों के विरोध का सामना करना पड़ा।
रामपाल को गुरुवार को हिसार अदालत में पेश किया जाएगा। पानीपत के पुलिस अधीक्षक सतीश बालन ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि नए मामलों के चलते उन्हें हिसार की अदालत में पेश किया जाएगा जबकि खबरें है कि कल ही रामपाल को पुराने में मामले में हाईकोर्ट में पुलिस हाजिर करेगी। कोर्ट ने 21 तारीख तक रामपाल को पेश करने के आदेश दिए हैं।
पुलिस ने कहा कि रामपाल ने समर्पण नहीं किया है बल्कि उसे गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही आश्रम में फंसे महिलाओं और बच्चों समेत अनेक समर्थक एक एक करके बाहर निकलते रहे। इनमें से अनेक ने शिकायत की कि उन्हें आश्रम में जबरदस्ती रखा गया और उसके दरवाजे बंद कर दिए गए थे।
हरियाणा पुलिस ने रामपाल के खिलाफ देशद्रोह के गंभीर आरोपों समेत नए मामले दर्ज किए हैं। रामपाल को शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि कल की हिंसा में शामिल रहे रामपाल के 70 समर्थकों को गिरफ्तार कर आज स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 3 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इनमें अधिकतर रामपाल के 'निजी कमांडो' थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों में रामपाल का बेटा और आश्रम का मुख्य कार्यकर्ता तथा रामपाल का रिश्तेदार पुरषोत्तम दास भी है।
हरियाणा के डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने कहा कि आश्रम ने चार महिलाओं के शव सौंपे हैं, इनके अलावा एक महिला और एक बच्चे की भी मौत हुई है। हजारों की संख्या में रामपाल समर्थक आश्रम छोड़ कर जा चुके थे। आसपास के लोगों ने बताया कि करीब 10 हजार लोगों ने रात में आश्रम छोड़ा है, हालांकि अभी भी बड़ी तादाद में रामपाल समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद हैं। लोगों ने बताया कि आश्रम के अंदर राशन करीब-करीब खत्म हो गया है और खाने−पीने की चीजें बहुत ही कम मात्रा में बची हैं।
मंगलवार दोपहर पुलिस ने जब कार्रवाई की तो रामपाल के समर्थकों ने आश्रम के अंदर से फायरिंग की गई और पेट्रोल बम फेंके गए। इस झड़प में 100 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हुए। जाहिर है कि आश्रम के अंदर मौजूद लोगों को भी इस कार्रवाई में चोटें आई होंगी, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
वैसे, रामपाल समर्थकों की गुंडागर्दी के साथ−साथ मंगलवार को पुलिस ने भी बर्बर रवैया अपनाया और घटना को कवर करने गए पत्रकारों पर डंडे बरसाए। पुलिस की कार्रवाई में एनडीटीवी के रिपोर्टर और कैमरामैन जख्मी हुए।
रामपाल की कहानी --
रामपाल संत बनने से पहले पेशे से सरकारी विभाग में जूनियर इंजीनियर थे... वर्ष 1999 में करौंथा में सतलोक आश्रम बनाने के बाद अपने आप को संत घोषित कर दिया... अपने आपको कबीर का अवतार कहते हैं... कुछ वर्षों तक सब सामान्य रहा, लेकिन फिर करौंथा और साथ लगते गांवों के लोगों, खासकर आर्यसमाजियों ने, रामपाल के प्रवचनों पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया... वर्ष 2006 में रोहतक के करौंथा गांव के सतलोक आश्रम में गोलीकांड हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई... रामपाल को भी आरोपी बनाया गया, और वह लगभग 22 महीने जेल में रहे... वर्ष 2010 तक तो अदालत में आते रहे, लेकिन 2010 से लेकर अब तक अदालत के 42 बार बुलाने पर भी पेश नहीं हुए हैं... आखिरकार अदालत ने इस साल जुलाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का तरीका निकाला... 14 जुलाई को हिसार सेशन कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होनी थी, लेकिन वहां रामपाल के समर्थकों ने हंगामा खड़ा कर दिया... पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए रामपाल के खिलाफ नोटिस जारी किया... 5 नवंबर से 21 नवंबर तक चार तारीखें मिल चुकी हैं, लेकिन रामपाल अदालत से दूर अज्ञात स्थान में छिपे रहे...
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