महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) से निलंबित किए गए 12 बीजेपी विधायक (BJP MLAs) स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गए हैं. विधायकों ने निलंबन की कार्रवाई को उनकी आवाज दबाने और विपक्ष की संख्या कम करने की कोशिश करार दिया. याचिका में निलंबन की कार्रवाई को 'प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण' करार दिया गया है. याचिका में विधायकों ने अदालत के समक्ष दलील दी कि स्पीकर को 12 विधायकों को अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर देना चाहिए था. सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायक भी स्पीकर कक्ष में मौजूद थे.
इसके अतिरिक्त उन्होंने दलील दी कि एक वर्ष के लिए निलंबन अत्यधिक अनुपातहीन है. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस लोकतंत्र का सार है और इस तरह की कार्रवाई केवल विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए की गई है.
दरअसल विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह स्पीकर के साथ "अपमानजनक" और दुर्व्यवहार करने के आरोप में 6 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए 12 भाजपा विधायकों को निलंबित किया गया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा करने के आरोप में 12 BJP विधायक एक वर्ष के लिए निलंबित
महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी (BJP) के 12 विधायकों को एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित किया गया है. आरोप है कि उन्होंने पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ अर्मादित व्यवहार किया.
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