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This Article is From Dec 29, 2020

म्यूटेंट कोरोना स्ट्रेन पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय- 'नया वायरस तेजी से फैलता है, अस्पतालों में बढ़ सकते हैं मरीज'

नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की पीसी में कहा कि 'ट्रांसमिशन की चेन को हमें दबाना है. अभी नंबर कम है इसलिए अभी करना आसान है और ये हो सकता है.' मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि यह वायरस ज्यादा तेजी से फैलता है, ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है.

म्यूटेंट कोरोना स्ट्रेन पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय- 'नया वायरस तेजी से फैलता है, अस्पतालों में बढ़ सकते हैं मरीज'
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन को लेकर की PC. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

Mutant Coronavirus Strain : कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उनका फोकस अभी ट्रांसमिशन की चेन को दबाने पर है. कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि अगर राज्य एहतियातन नाइट कर्फ्यू लगाना चाहते हैं, तो वो इसपर फैसला ले सकते हैं. नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि 'ट्रांसमिशन की चेन को हमने दबाना है. अभी नंबर कम है इसलिए अभी करना आसान है और ये हो सकता है.'

वीके पॉल ने कहा कि 'गृह मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि अगर  फैलाव रोकने के लिए नाईट कर्फ्यू लगाने की ज़रूरत हो तो वो फ़ैसला ले सकते हैं.' ICMR के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि यह नया वैरिएंट ज़्यादा फैलता है इसलिए चिंता की बात है, लेकिन वैक्सीन का असर बना रहेगा.

केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन ने कहा, 'ऐसा कोई प्रमाण नहीं कि वैक्सीन नए कोरोना वैरिएंट के ख़िलाफ़ काम नहीं करेगी. वैक्सीन हमारे इम्यून सिस्टम में एंटीबाडीज की वाइड रेंज तैयार बढ़ाते हैं. ब्रिटेन का वैरिएंट ज़्यादा फैलने वाला है, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि यह बीमारी की गंभीरता बढ़ाता हो लेकिन संक्रमण बढ़ने पर अस्पताल में मरीज़ ज़रूर बढ़ सकते हैं.'

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स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि 10 लैब्स जीनोम सिक्वेंसिंग में लगे हुए हैं. इनका कंसोर्शियम बनाया गया है, जिसका नाम INSACOG है. ब्रिटेन की खबर से पहले 5,000 जीनोम सिक्वेंसिंग इन लैब्स में कर चुके हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना पर आंकड़े देते हुए बताया कि 'देश में 6 महीने बाद पहली बार नए मामले 17 हज़ार से नीचे आए. 6 महीने बाद पहली बार रोज़ाना मौत 300 से नीचे आई. अभी तक 63% पुरुष और 37% महिलाएं संक्रमित हुए हैं. 17 साल से नीचे सिर्फ 8% लोग संक्रमित हुए हैं, 26-44 साल में 39% संक्रमित हुए. सबसे ज़्यादा मौत (55%) 60 से ऊपर वालों की हुई है. मरने वाले 33% फीसदी मरीजों की उम्र 45-60 है. 10% मौतें 26-44 आयु वर्ग में हुई हैं. वहीं, 18-25 के आयु वर्ग में संक्रमित होने वाले मरीजों में से महज 1% और 17 से नीचे भी 1% मौत हुई है. मरने वाले मरीजों में से 70% पुरुष और 30% महिलाएं हैं.'

Video: भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन का पाया जाना कितना खतरनाक?

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