दिल्‍ली की तीनों बॉर्डर पर किसानों ने महंगाई के खिलाफ किया प्रदर्शन..

गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Takait) ने सिलेंडर लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने आज दिल्ली के तीनों बार्डर पर महंगाई के खिलाफ थाली के जवाब में हार्न बजाकर प्रदर्शन किया. गाजीपुर बार्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Takait) ने सिलेंडर लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि विपक्ष भी कमजोर है,  इसलिए महंगाई के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर सीमा पर किसान राकेश टिकैत की अगुवाई में आंदोलनरत हैं. 

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संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन का आह्वान किया था. एसकेएम केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चलाए जा रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहा है.प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टर और अन्य वाहन सड़क के किनारे खड़े कर दिए और पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उनमें से कुछ विरोधस्वरूप प्रदर्शन स्थलों पर एलपीजी के खाली सिलेंडर भी लेकर आए थे. आंदोलनकारी किसानों ने कुछ मिनटों के लिए अपनी गाड़ियों के हॉर्न बजाए और कहा कि यह सरकार को "नींद से जगाने" के लिए किया गया है. किसानों ने जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर सरकार को आड़े हाथों लिया. अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धरना स्थलों के पास भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.

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पिछले माह NDTV से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार के रुख को देखते हुए लगता है कि किसान आंदोलन अभी लंबा चलेगा. 43 महीने तक किसान आंदोलन करते रहेंगे. ये सरकार तीन साल में ठीक होगी. टिकैत से जब पूछा गया कि आंदोलन में सिर्फ पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही किसान हिस्सा ले रहे हैं तो उन्होंने कहा, पूरे देश का किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ है. सरकार किसानों की जमीनें बड़ी-बड़ी कंपनियों को देना चाहती है. किसान सरकार के इस मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि बिहार के भी किसान सरकार की नीतियों से परेशान हैं. बिहार में मंडियां खत्म कर दी गईं. फसल का उचित दाम किसानों को नहीं मिल पा रहा है. 10-10 एकड़ जमीन वाले किसान मजदूरी करने को मजबूर हैं. सरकार जनता से है.. किसान परमानेंट रहेगा.. सरकार परमानेंट नहीं रहेगी. उन्‍होंने कहा कि अभी कानून वापसी का नारा लगा रहे हैं, क्या चाहते हैं सत्ता वापसी का नारा लगा दें?