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This Article is From Oct 28, 2020

दिल्ली दंगा : 'पिंजरा तोड़' की देवांगना कलीता को राहत, SC ने खारिज की पुलिस की याचिका

'पिंजरा तोड़' की सदस्य देवांगना कलीता (Devangana Kalita) को हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की मांग को सुप्रीम कोर्ट (SC) ने खारिज कर दिया.

दिल्ली दंगा : 'पिंजरा तोड़' की देवांगना कलीता को राहत, SC ने खारिज की पुलिस की याचिका
SC ने दिल्ली पुलिस की मांग को खारिज कर दिया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा मामले (Delhi Violence) में 'पिंजरा तोड़' समूह की सदस्य देवांगना कलीता (Devangana Kalita) को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. देवांगना की जमानत रद्द करने को लेकर दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंची. देवांगना को जमानत देने के खिलाफ पुलिस की याचिका पर कोर्ट ने आज सुनवाई की. जिसके बाद शीर्ष अदालत ने पुलिस की मांग को खारिज कर दिया. देवांगना पर पुलिस ने जफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोगों को CAA के विरोध में दंगे के लिए भड़काने का आरोप लगाया था. 

एक सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि देवांगना कलीता के जिस भाषण की बात हो रही है, उसमें कुछ भी भड़काऊ नहीं है. हालांकि उन पर स्पेशल सेल का भी एक केस है, जिसके चलते उनकी रिहाई अभी नहीं हो सकी है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली दंगा मामले में पुलिस से कहा कि वह कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार 'पिंजरा तोड़' समूह की सदस्य देवांगना कलीता का लोगों को भड़काते हुए वीडियो पेश करे. हालांकि पुलिस ने कहा कि दंगे के दौरान लोगों को भड़काने का वीडियो नहीं है, लेकिन 24 और 25 फरवरी को हुए दंगे से पहले के ऐसे वीडियो हैं, जिनमें वह भड़काऊ भाषण दे रही हैं.

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पुलिस ने कहा था कि उसके पास 22 तथा 23 फरवरी के भी वीडियो हैं, जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने आरोप लगाया कि कलीता ने लोगों को CAA के विरोध में भड़काया था. इस पर अदालत ने कहा कि हमें उस भाषण का कोई अंश दिखाइए, जिसे मीडिया या किसी अन्य ने रिकॉर्ड किया हो, जिसमें कलीता भीड़ को अपराध करने के लिए उकसा रही हों. कोर्ट ने कहा कि उस दौरान हर तरफ मीडिया की मौजूदगी थी और वे रिकार्डिंग कर रहे थे. कोर्ट जानना चाहती है कि कलीता ने क्या कहा, जिससे भीड़ भड़की.

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वहीं पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा कि 25 फरवरी को घटना के वक्त कोई मीडिया नहीं थी और गवाहों के बयान भीड़ को उकसाने में देवांगना की भूमिका को दर्शाते हैं. न्यायाधीश ने कहा कि केवल पुलिस के गवाह हैं लेकिन संरक्षित गवाह भी हैं. वह गवाह के साथ कैसे छेड़छाड़ करेगी. क्या वह इतनी प्रभावशाली है.

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