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This Article is From Sep 01, 2021

मानहानि की कार्यवाही खारिज करने के कंगना रनौत के अनुरोध पर कोर्ट ने आदेश रखा सुरक्षित

रनौत ने अपनी अर्जी में कहा कि निचली अदालत ने शिकायतकर्ता एवं उनके विरूद्ध दर्ज शिकायत में नामजद गवाहों का स्वतंत्र रूप से परीक्षण नहीं किया बल्कि उसने बस जुहू पुलिस के विवेक पर भरोसा कर लिया एवं उनके विरूद्ध मामला शुरू कर दिया.

मानहानि की कार्यवाही खारिज करने के कंगना रनौत के अनुरोध पर कोर्ट ने आदेश रखा सुरक्षित
प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:

बंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बॉलीवुड संगीतकार जावेद अख्तर (Music composer Javed Akhtar) की शिकायत पर शहर की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा शुरू की गयी अवमानना कार्यवाही खारिज करने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत की अर्जी पर बुधवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दिकी के मार्फत मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी है और कहा कि उपनगर अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. रनौत ने अपनी अर्जी में कहा कि निचली अदालत ने शिकायतकर्ता एवं उनके विरूद्ध दर्ज शिकायत में नामजद गवाहों का स्वतंत्र रूप से परीक्षण नहीं किया बल्कि उसने बस जुहू पुलिस के विवेक पर भरोसा कर लिया एवं उनके विरूद्ध मामला शुरू कर दिया.

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सिद्दिकी ने बुधवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की एकल पीठ से कहा कि अख्तर की शिकायत की पुलिस जांच ‘एकतरफा' है. उन्होंने अपनी मुवक्किल की ओर से कहा, ‘‘ मेरे गवाहों का कभी परीक्षण ही नहीं किया गया. मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि किसी भी पक्ष का उत्पीड़न नहीं हो. '' हालांकि अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने पीठ से कहा कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के अंश पर गौर करने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया , साक्षात्कार के दौरान रनौत ने कथित मानहानिकारक बयान दिया था. उन्होंने कहा कि पुलिस ने रनौत समेत गवाहों एवं संबंधित व्यक्तयों को सम्मन जारी किया था ताकि जांच निष्पक्ष सुनिश्चित हो लेकिन अभिनेत्री ने सम्मन का कभी जवाब नहीं दिया.

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अख्तर ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी के साथ साक्षात्कार के दौरान कथित रूप से मानहानिकारक एवं बेबुनियादी आरोप लगाने को लेकर पिछले साल रनौत के विरूद्ध अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने शिकायत दर्ज करायी थी. उच्च न्यायालय नौ सितंबर को रनौत की अर्जी पर अपना आदेश सुना सकता है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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