कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सामने गंभीर आर्थिक संकट को लेकर चिट्ठी लिखी है. उन्होंने MSMEs की चिंताओं को दोहराया और निवारण के लिए पांच सुझाव भी दिए. कांग्रेस के इस आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सोनिया गांधी द्वारा लिखी गई चिट्ठी को भी शेयर किया गया है. इस चिट्ठी में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से MSME सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि SME सेक्टर को अगर नजरअंदाज किया गया तो एमएसएमई संकट विनाशकारी होगा और हमारी अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा.
सोनिया गांधी ने अपनी चिट्ठी में सरकार को पांच सुझाव दिए हैं जोकि इस प्रकार से हैं.
1. सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि सरकार को MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान करना चाहिए. ऐसा करने से न सिर्फ लोगों की नौकरियां बचेंगी बल्कि इस सेक्टर का मनोबल भी बरकरार रहेगा.
2. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दूसरा सुझाव दिया कि MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण किया जाना चाहिए. ऐसा करने से सेक्टर में लिक्विडिटी के साथ सेक्टर के पास पर्याप्त पूंजी पहुंच जाएगी. जिसका इस्तेमाल MSME सेक्टर उस वक्त कर सकेगा जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी.
3. अपने तीसरे सुझाव में सोनिया गांधी ने MSME सेक्टर के लिए एक 24 घंटे हेल्पलाइन जारी करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने अपने सुझाव में कहा है कि आरबीआई और अन्य कमर्शियल बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस सेक्टर से जुड़े छोटे व्यापारियों को कर्ज समय पर मिले.
Congress President Smt. Sonia Gandhi writes to PM Modi on the grave economic crisis facing the nation. She reiterated the concerns of MSMEs & suggested five concrete ideas for redressal. pic.twitter.com/u1wYmI9AxI
— Congress (@INCIndia) April 25, 2020
4. अपने चौथे सुझाव में सोनिया ने निवेदन किया कि MSME द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज के भुगतान को 3 महीने के लिए टाला जाए और सरकार इस सेक्टर से जुड़े टैक्स को माफ करने या फिर कम करने पर विचार करे.
5. अपने पांचवे सुझाव में उन्होंने कहा कि सरकार को MSME सेक्टर को जिन वजहों से लोन मिलने में रुकावटे पैदा हो रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए.
बता दें कि एमएसएमई क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान रहता है. इस क्षेत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 15 लोग जुड़े हुए हैं. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से MSMEs को जोरदार झटका लगा है, कोरोना के काल से निकलने के बाद सरकार के सामने MSMEs को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा करना एक बड़ी चुनौती होगी.
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