पांच अगस्त को हुए राम मंदिर (Ram Temple) भूमि पूजन के भव्य कार्यक्रम के बाद अब निर्माण का काम शुरू हो गया है. श्रीराम भूमि जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्विटर अकाउंट के जरिए बताया गया कि राम जन्म भूमि मन्दिर के निर्माण के लिए काम शुरू हो गया है. मन्दिर निर्माण के कार्य में लगभग 36-40 महीने का समय लगने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि CBRI रुड़की और IIT मद्रास के साथ मिलकर L&T के इंजीनियर भूमि की मृदा के परीक्षण के काम में लगे हुए है. तीर्थ क्षेत्र के अनुसार मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह आने वाले कई सालों तक भूकंप और आपदाओं को झेल सके. उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में किसी भी तरह के लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.
राम मंदिर पर नेहरूजी और राजीव गांधी का जो रुख था, मैं उसी पर हूं : कमलनाथ
उन्होंने बताया कि मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा. निर्माण के लिए 18इंच लम्बी, 3mm गहरी,30 mm चौड़ी 10,000 पत्तियों की आवश्यकता होगी. तीर्थ क्षेत्र ने भक्तों से आह्वान किया है कि तांबे की पत्तियां दान करें. इन तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकते हैं.
यूपी के हिंदू, मुस्लिम कारीगरों ने राम मंदिर के लिए 2.1 टन का घंटा तैयार किया
बता दें कि लंबी अदालती और सियासी लड़ाई के बाद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन पीएम मोदी के हाथों से करवाया गया. कोरोना संकट के चलते इस कार्यक्रम में सिमित संख्या में लोगों को बुलाया गया और इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन के माध्यम से किया गया. जिसे पूरे देश ने एक साथ देखा.
Video: मंदिर बनने के बाद सांमजस्य मुश्किल क्यों?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं