चारा घोटाले मामले में जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) की जमानत का सीबीआई (CBI) ने विरोध किया है. सीबीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक हलफनामा दाखिल किया है. हलफनामे में सीबीआई ने कहा, 'लालू अस्पताल से राजनीतिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं. वह जेल में न रहकर अस्पताल के विशेष वार्ड में रहते हैं. लालू यादव आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत मांग रहे हैं. मेडिकल आधार पर जमानत मांगकर वह कोर्ट को गुमराह कर रहे है.'
सीबीआई ने कहा कि लालू यादव को अपनी राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जमानत नहीं मिलनी चाहिए.
Lalu Prasad's bail application before SC in fodder scam case: CBI has filed a counter affidavit opposing the bail. CBI, in its counter affidavit, stated that in the garb of political activities during the elections, Lalu sought for bail, which should not be granted. (file pic) pic.twitter.com/287jb44LYV
— ANI (@ANI) April 9, 2019
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साथ ही सीबीआई ने कहा कि यदि सभी सजा की गणना की जाए तो लालू को 3.5 साल की सजा नहीं हुई है बल्कि 27.5 साल की जेल हुई है. राज्य के सीएम के रूप में लालू की नापाक हरकत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिला कर रख दिया. बता दें, लालू यादव की जमानत यातिक पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा.
लालू यादव ने मेडिकल आधार पर जमानत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. लालू ने याचिका में कहा था कि एक मामले में 22 महीने, दूसरे मामले में 13 महीने और तीसरे मामले में 21 महीने की सजा काट चुके हैं.
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