तीस्ता सीतलवाड़ को लूनावाड़ा सामूहिक कब्र खोदने के मामले में कोर्ट में ट्रायल का सामना करना पड़ेगा.
खास बातें
- पनाम नदी की तलछटी में कब्र खोदकर 28 शव निकाले थे
- पंधरवाड़ा नरसंहार के लापता पीड़ितों के शव होने का दावा
- तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप- उनके कहने पर कब्रें खोदी गईं
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है, इसलिए वे ट्रायल कोर्ट में ट्रायल फेस करें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीस्ता के मामले को लेकर हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी न्याय के मार्ग में बाधा नहीं बनेगी और न ही उन्हें ट्रायल में इस्तेमाल किया जा सकता है.
लूनावाड़ा सामूहिक कब्र खोदने का मामला 27 दिसम्बर 2005 की एक घटना से संबंधित है. इसमें छह लोगों ने सीजेपी के तत्कालीन समन्वयक रईस खान पठान के नेतृत्व में गुजरात के पंचमहल जिले में लूनावाड़ा में पनाम नदी की तलछटी में 28 अज्ञात शवों को कब्र से खोदकर निकाला था. बाद में कब्र खोदने वालों ने दावा किया कि वे शव पंधरवाड़ा नरसंहार के लापता पीड़ितों के थे और वे उनके रिश्तेदार थे.
बाद में शवों की पहचान के लिए उनकी डीएनए जांच कराई गई और उसके बाद शवों को इस्लामिक परंपरा के अनुसार बाकायदा दफन किया गया. उस समय पठान ने कहा था कि उन्होंने सीतलवाड़ के कहने पर कब्रें खोदी थीं.